What is operating system terminology?[ऑपरेटिंग सिस्टम शब्दावली क्या है]

What is operating system terminology?[ऑपरेटिंग सिस्टम शब्दावली क्या है]

बूटिंग (Booting ) कम्प्यूटर सिस्टम को ऑन करना बूटिंग कहलाता है। * बूटिंग के दौरान ऑपरेटिंग सिस्टम मैन मेमोरी में लोड होता है।

बूटिंग दो प्रकार की होती है-

(1) कोल्ड बूटिंग (2) वार्म बूटिंग

जब किसी पॉवर ऑफ (बन्द) कम्प्यूटर को ऑन करते हैं तो यह प्रक्रिया कोल्ड बूटिंग कहलाती है। जब किसी पॉवर ऑन (चालू) कम्प्यूटर को रिस्टार्ट करते हैं तो यह प्रक्रिया वार्म बूटिंग कहलाती है। BIOS (Basic Input Output System) एक महत्त्वपूर्ण सॉफ्टवेयर होता है जो कि कम्प्यूटर सिस्टम की रोम चिप में स्टोर रहता है, कम्प्यूटर सिस्टम को ऑन करते समय बायोस प्रोग्राम कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर उपकरणो की जांच करता है।

पावर ऑन सेल्फ टेस्ट (Power on Self Test-POST)

जब कम्प्यूटर सिस्टम ऑन होता है तो BIOS (Basic Input Output System) से निर्देश तथा प्रोग्राम को लोड करता है एवं कम्प्यूटर के उपकरणों के साथ अनेक प्रकार के सेल्फ टेस्ट क्रियान्वित करता है, जिसे POST (Power On Self Test) कहा जाता है। पॉवर ऑन सेल्फ टेस्ट प्रोसेस पूर्ण होने के पश्चात बुट स्ट्रेप का प्रोसेस शुरू होता है जिसे बूटिंग या बुट स्ट्रैप कहा जाता है।

कर्नेल (Kernel)

कर्नेल लिनक्स सिस्टम का कोर होता है, यह सिस्टम के स्टार्ट होते ही मेमोरी में लोड होता है, तथा मेमोरी, फाइल व पेरीफेरल डिवाइस को मैनेज करता है।

शैल (Shell)

शैल एक प्रोग्राम है जो यूजर द्वारा दिए गए कमाण्ड को इंटरप्रिट करता है यह कमांण्ड या तो कमाण्ड लाइन पर टाइप किए जाते हैं या एक फाइल में रखे जाते हैं, जिसे शैल स्क्रिप्ट कहा जाता है।

इन्स्टॉलेशन (Installation)

इन्स्टॉलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों को सैकण्डरी स्टोरेज डिवाइस से सिस्टम की हार्ड डिस्क में कॉपी किया जाता है।

विण्डोज एक्सप्लोरर (Windows Explorer)

यह विण्डोज आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का फाइल मैनेजर है। विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम में विण्डोज एक्सप्लोरर कम्प्यूटर में उपलब्ध संसाधनों को खोजने, फाइल व्यवस्थापन को अत्यन्त सरल एवं तीव्र बनाने के लिए फाईलों, फोल्डरों पर कार्य करने हेतु शक्तिशाली टूल है।

फोल्डर (Folder)

फोल्डर कम्प्यूटर फाइलों को व्यवस्थित (Organise) करने का एक तरीका है। एक फोल्डर एक स्टोरेज स्पेस है, जहाँ कई फाइलों को समूहों में रखा जा सकता है, और कम्प्यूटर को व्यवस्थित किया जा सकता है। एक फोल्डर में अन्य फोल्डर भी हो सकते हैं।

डायरेक्टरी (Directory)

डायरेक्टरी भी एक प्रकार का फोल्डर है लेकिन इसमें पिक्चर नहीं दिखता है। फोल्डर बनाते समय एक ऑइकन का निर्माण होता है लेकिन डायरेक्टरी केवल टेक्स्ट के रूप में दिखता है। M.S. DOS एवं Linux में बनने वाले फोल्डर को डायरेक्टरी ही कहते हैं क्योंकि यह O.S. कमाण्ड लाइन इंटरफेस पर कार्य करते हैं।

नोट—फोल्डर सिस्टम को डायरेक्टरी सिस्टम भी कहा जा सकता है, फोल्डर एवं डायरेक्टरी का कोई एक्सटेंशन नहीं होता है।

बैक-अप (Backup)

बैक-अप एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा Original data की प्रतिलिपि (Copies) बनाई जाती है, ताकि उन Copies का इस्तेमाल तब किया जा सके, जब Original डाटा नष्ट हो जाए। Backup एक और एक से अधिक files का copy होता है, जिन्हें कि एक alternative के हिसाब से बनाया गया होता है, ताकि अगर कभी भी original data नष्ट हो जाता है या unusable हो जाता है, तब हम इनका उपयोग कर सकते हैं।

नोटः–डाटा के बैक-अप हेतु फ्लॉपी डिस्क, नेटवर्क ड्राइव, के टेप आदि प्रयुक्त होते हैं।

एड्रेस बुक (Address Book )

यह माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक तथा आउटलुक एक्सप्रेस में उपलब्ध सुविधा है, इससे आप अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों के ई-मेल पते भरकर स्टोर कर सकते हैं और बाकी कभी भी आवश्यकता पड़ने पर उपयोग कर सकते हैं।

सिस्टम कॉल (System Calls)

कम्प्यूटिंग में सिस्टम कॉल एक ऐसा प्रोग्रामेटिक तरीका है जिसके द्वारा कोई कम्प्यूटर प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम के कर्नेल से किसी सर्विस का निवेदन करता है अर्थात् सिस्टम कॉल वो तरीका है जिसका प्रयोग करके कोई प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम से संवाद करता है।

सिस्टम कॉल एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (API) के माध्यम से यूजर के कार्यों के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम की सर्विसेज प्रदान करता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम की सेवाओं की रिक्वेस्ट करने तथा यूजर लेवल प्रोसेस की अनुमति देने की प्रक्रिया और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है।

डिवाइस ड्राइवर (Device Driver)

कम्प्यूटर सिस्टम से किसी डिवाइस को कनेक्ट करके उसके साथ Communication (संचार) करने के लिए जो सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर की मेमोरी में इंस्टॉल किया जाता है। उसे डिवाइस ड्राइवर कहा जाता है। जैसे—यदि किसी प्रिंटर को कम्प्यूटर सिस्टम से कनेक्ट करना हो तो उस प्रिंटर से सम्बन्धित सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर की मेमोरी में इंस्टॉल करना पड़ेगा नहीं तो उससे सम्बन्धित कोई भी कमांड उस डिवाइस तक नहीं पहुँच पाएगा।

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