what is internet how it works {इंटरनेट क्या है कैसे काम करता है}
इंटरनेट (Internet) का पूरा नाम ‘Inter Connected Network’ है इसे संक्षिप्त रूप में ‘the net’ कहा जाता है। इंटरनेट, कम्प्यूटर्स का एक ऐसा नेटवर्क का जाल है जो पूरे World के Computer को एक-दूसरे से जोड़ता है। इंटरनेट, Computers का ऐसा विशाल नेटवर्क (Network) है, जिसके द्वारा दुनियाँ-भर में फैले हुए अनेक छोटे-बड़े Computer Network विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा एक-दूसरे से Connected रहते हैं
इंटरनेट का संबंध Inter-Networking से है, जिसे हिन्दी में ‘अन्तरजाल’ कहा जाता है। इसका मतलब नेटवर्क का ऐसा जाल होता है जो दुनियाभर के Computers को आपस में जोड़ता है। इंटरनेट के जरिए Government data base, School एवं Colleges के डाटा बेस तथा मोबाइल एवं कम्प्यूटर भी जुड़े हुए हैं, जिसके द्वारा सभी प्रकार की सूचनाएँ Receive एवं Share कर सकते हैं। Internet, Computer’s का विशाल Network है। इसके द्वारा ही दुनिया भर में फैले हुए अनेक छोटे-बड़े Computer Network विभिन्न संचार माध्यम द्वारा तथा समान Protocols का पालन करते हुए एक-दूसरे से Connected रहते हैं।
इंटरनेट Network of Networks (नेटवर्कों का नेटवर्क) है, जिसमें पूरी दुनिया के नेटवर्क जुड़े होते हैं। इंटरनेट एक वैश्विक (Global) नेटवर्क है तथा विश्व का सबसे
बड़ा नेटवर्क है। इंटरनेट को Information Superhighway (सूचना का सुपरहाईवे) या सूचना का राजपथ कहा जाता है। Fater of Internet (इंटरनेट के जनक) के रूप में Vint Cerf and Bob Kahn (विन्ट सर्फ एवं बॉब काहन) को माना जाता है।
History of Internet (इंटरेनट का इतिहास)
Internet in World (विश्व में इंटरनेट)
विश्व में सर्वप्रथम इंटरनेट की शुरुआत 1969 में अमेरिका के सुरक्षा विभाग द्वारा ARPANET (Advanced Research Project Agency Network) के रूप में की गई। Advanced Research Project Agency का मुख्य कार्य ऐसी टेक्नालॉजी को बनाना था, जिसके जरिए कम्प्यूटर्स को आपस में जोड़ा जा सके एवं एक-दूसरे के बीच Communication किया जा सके। ARPANET पहला वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) था।
Internet in India (भारत में इंटरनेट)
भारत में इंटरनेट सर्वप्रथम 14 अगस्त 1995 को लॉन्च किया गया तथा 15 अगस्त 1995 को इसका सर्वप्रथम इस्तेमाल किया गया अर्थात्
भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को की गई। भारत में इंटरनेट की शुरूआत VSNL (Videsh Sanchar Nigam Limited) द्वारा की गई। इसके पश्चात् धीरे-धीरे इंटरनेट सेवाओं का विस्तार होता गया तथा सन् 2000 में भारत की संसद में Information Technology Act पास किया गया। 1998 से निजी ऑपरेटरों द्वारा इंटरनेट सेवा को उपलब्ध कराने के क्षेत्र खोल दिये।
Working in Internet (इंटरनेट की कार्यप्रणाली)
कम्प्यूटर्स इंटरनेट के द्वारा छोटे-छोटे Connections के माध्यम से एक-दूसरे से Connected रहते हैं। इंटरनेट World Wide Web का एक हिस्सा है जो कि HTML Document को सपोर्ट (Support) करता है। इंटरनेट को वेब ब्राउजर्स की मदद से एक्सेस भी किया जा सकता है। जावा इंटरनेट में प्रयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा है।
इंटरनेट एक Public (सार्वजनिक) नेटवर्क है। इस Technology का प्रयोग कर हम किसी सूचना, जिसमें Data Text (टेक्स्ट) Graph (ग्राफ), Image (चित्र) Audio (ध्वनि) तथा Video (चलचित्र) शामिल हैं। उनको को दुनियां के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचाना संभव हो पाया है। Internet Connectivity (इंटरनेट कनेक्टिविटी) इंटरनेट के सुचारू संचालन हेतु सर्वप्रथम Database Servers को स्थापित किया जाता है।
Database Servers से बने Database Computers को IP एवं TCP Technology के द्वारा Fiber Cable के द्वारा जोड़ दिया जाता है। Fiber Cables के द्वारा अन्य बड़े डाटाबेस को जोड़कर Internet का ऐसा जाल तैयार किया जाता है जो दुनियाभर के डेटाबेस के साथ Connect रहता है।
इस प्रक्रिया के पश्चात Database आपके Router के द्वारा कम्प्यूटर के साथ Connect रहता है, इसे Connect करने हेतु Wired या Wireless माध्यम का प्रयोग किया जाता है, उपरोक्त प्रक्रिया द्वारा इंटरनेट आसानी से चलाया जा सकता है। इंटरनेट की मदद से File या voice को तुरन्त अपने phone या laptop के द्वारा भेजा जा सकता है।
नोट:- E-mail, Video call, Voice Call आदि के द्वारा तीव्र Communication हेतु इंटरनेट का ही प्रयोग होता है। User को Internet सेवा लेने के लिए मुख्यतः दो प्रकार के Connection मिलते हैं-
(1) Dial up
(2) Direct
1. Dial up – इस Connection में User को अपने Computer से अपने ISP का एक विशेष Number डायल करना पड़ता है। ISP से connect होते ही User, Internet का उपयोग कर सकता है। Dial up एक अस्थाई Connection है क्योंकि Connection जोड़ने के लिए User को बार बार ISP का Number डायल करना पड़ता है।
2. Direct- Direct Connection में user ISP से सीधे एक केवल या Dedicated फोन लाइन से जुड़ा होता है। अधिक Speed के लिए lease line काम में ली जाती है। ISP, User की आवश्यकता अनुसार किसी भी Bandwidth की lease line उपलब्ध करवा सकता है। User Mobile devices laptop, tablet, smart phone आदि के लिए विभिन्न ISP द्वारा अनेक प्लान उपलब्ध कराये जाते हैं। जिनकी गति 3G, 4G और आजकल तो 5G (Fifth Generation) Internet सेवा भी प्रारम्भ कर दी है।
Internet Service Provider (ISP) * जो कंपनी वा संगठन यूजर्स को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती है तथा इंटरनेट नियंत्रित करने का कार्य करती है उसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कहा जाता है। भारत में भी अनेक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियाँ हैं जिनमें प्रमुख निम्नहैं—VSNL, MTNL, BSNL, Jio, Airtel, Vodafone आदि। Packets—जब एक Computer से दूसरे Computer में Data भेजा जाता है तो वह छोटे-छोटे टुकड़ों में भेजा जाता है, जिसे Packets कहा जाता है।
Intranet (इन्ट्रानेट) Intranet किसी कंपनी / संगठन / संस्थान का Private (निजी) नेटवर्क है जो केवल उसी कंपनी/संगठन/संस्थान के कर्मचारियों के द्वारा काम में लिया जाता है। इंटरनेट का प्रयोग इंट्रानेट कर सकता है लेकिन इंट्रानेट का प्रयोग इंटरनेट नहीं कर सकता है अर्थात् Intranet can be used Intranet but Intranet can’t use Internet.
Extranet;-Extranet किसी Company/Organisation/Institution का निजी (Personal) नेटवर्क है ये केवल उसी कम्पनी/Organisation या इंस्टिट्यूशन के कर्मचारियों एवं उस कम्पनी परिसर में उपस्थित customer आदि द्वारा प्रयोग किया जा सकता है।
Use of Internet (इंटरनेट का उपयोग)
1. शिक्षा के क्षेत्र में (In Education Field ) शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न महाविद्यालयों, कोचिंग संस्थानों, स्कूल आदि में Online class एवं online learning platform हेतु इंटरनेट उपयोगी है। इंटरनेट के प्रयोग से किसी Content को आसानी से समझा जा सकता है, इस हेतु Graphics, Image आदि का प्रयोग किया जा सकता है।
2. नौकरी के क्षेत्र में (In Job Field) इंटरनेट के प्रयोग से वर्तमान में युवा विभिन्न प्रकार की Jobs सर्च कर सकते हैं तथा विभिन्न जॉब हेतु Online apply कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के ऑनलाईन जॉब प्लेटफॉर्म Naukri.Com, free job alert आदि पर ऑनलाईन Apply करने हेतु इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।
3. बैंकिंग के क्षेत्र (In the field of Banking) विभिन्न प्रकार के ऑनलाईन एवं बैंकिंग रिलेटेड कार्य हेतु इंटरनेटका प्रयोग किया जाता है। जैसे UPI के द्वारा Payment करना । इंटरनेट एक डिवाइस या कम्प्यूटर नहीं है बल्कि World Wide Web का एक हिस्सा है। यह Servers में मौजूद डेटा के रूप में Store होता है तथा Wires के द्वारा सम्पूर्ण विश्व में ट्रेवल (Travel) करता है।
इंटरनेट में कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़े रहने हेतु Standarized Communication Protocols का प्रयोग करते हैं एवं जब यूजर Search Engine के द्वारा डेटा को सर्च करता है तो सर्च इंजन (Search Engine) उस डेटा को इंटरनेट प्रोटोकॉल के द्वारा find करके यूजर द्वारा चाही गई सूचना उपलब्ध करवा देता है।
4. सरकारी नौकरी के क्षेत्र में (In Government Job Field) * विभिन्न प्रकार की सरकारी नौकरी के क्षेत्र में इंटरनेट का प्रयोग ★ विभिन्न प्रकार की Govt. jobs के फॉर्म भरने हेतु विद्यार्थी होता है।इटरनेट का प्रयोग करते हैं।
5. Tour और Travelling के क्षेत्र में (In the Field of Tour & Travelling) विभिन्न प्रकार के Tour एवं Travel करने हेतु इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ऑनलाईन टिकटिंग (Ticketing) हेतु इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।
इंटरनेट का प्रयोग करने से यूजर को पैसे की भी बचत हो जाती है क्योंकि इंटरनेट पर Discount Coupons मिल जाते हैं। Offline Ticket में यूजर को Physically Booking करवानी पड़ती है जबकि ऑनलाईन टिकट यूजर बिना physically present हुए Book करवा सकता है।
विभिन्न प्रकार की Online Vehicle Service हेतु भी इंटरनेट प्रयुक्त होता है जैसे Ola, Uber, Rapido आदि द्वारा Online Vehicle Book करके यूजर एक जगह से दूसरी जगह आसानी से Travel कर सकता है।राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में (In the Field of National Security) इंटरनेट का इस्तेमाल सुरक्षा मानकों को स्थापित करने एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में होता है।
विभिन्न प्रकार के Secret Communication जिसमें भेजे गए Message का पता ही नहीं लग सके, इस हेतु भी इंटरनेट प्रयुक्त होता है। सभी देशों ने अपने देश की सुरक्षा के लिए खुद का इंटरनेट नेटवर्क बना रखा है जहाँ देश की सुरक्षा (Security) से संबंधित Documents को रखा जाता है। जहाँ Document रखे जाते हैं उन Web Servers की सुरक्षा अलग तरीके से की जाती है। इस हेतु इंटरनेट प्रयुक्त होता है।
7. कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में (In the field of Communication) इंटरनेट के माध्यम से Communication करने पर सूचना एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने में बहुत कम समय लगता है।Components of Internet (इंटरनेट के घटक) वर्तमान में इंटरनेट मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र चिकित्सा, अभियांत्रिकी, अध्ययन, व्यवसाय आदि क्षेत्रों में प्रयुक्त होता है, इंटरनेट के जरूरी घटक निम्नानुसार हैं-
1. DSL (Digital Subscriber Line) Modem-Modem पूर्ण रूप Modulater एवं Demodulater होता है। Modulation एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कम्प्यूटर से भेजी गई डिजिटल जानकारी को एनालॉग सिग्नल में बदला जाता है तथा प्राप्त एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में बदलने की प्रक्रिया Demodulation कहलाती है। DSL Modem का प्रयोग Digital Signal को Analog Signals में बदलता है, ये Signal Telephone Line पर डाटा भेजने हेतु प्रयुक्त होता है।
नोट:- इंटरनेट एवं बॉडबैण्ड राउटर्स में DSL Modem पहले से मौजूद होता है।
2. DSL Broadband Filter इसका प्रयोग करने से इंटरनेट एवं टेलीफोन का उपयोग यूजर अलग-अलग कर सके अर्थात् इसके प्रयोग से टेलीफोन Signals से DSL Signals को अलग किया जाता है ताकि दोनों Signal Mix नहीं हो जाए।
3. Firewall– फायरवाल एक सुरक्षा मैकेनिज्म है यह उन सभी संदेशों की जाँच करता है जो इन्ट्रानेट से बाहर जाते हैं या अंदर प्रवेश करते हैं। फायरवाल उन सभी संदेशों (Messages) को रोकता है जो निर्धारित सुरक्षा मापदण्डों को पूरा नहीं करते। फायरवॉल हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर या दोनों के संयोजन से क्रियान्वित होता है। फायरवॉल का प्रयोग अनाधिकृत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं (Unauthorised Internet Users) को इंटरनेट से जुड़े व्यक्तिगत नेटवर्क मुख्यतः इंट्रानेट का प्रयोग करने से रोकने के लिए किया जाता है।
4. Internet Connection Sharing-इसके प्रयोग करने से Home या Office Area में इंटरनेट को शेयर किया जाता है। इंटरनेट कनेक्शन शेयरिंग के द्वारा इंटरनेट का एक से अधिक यूजर आसानी से प्रयोग कर सकते हैं।
Necessary Instrument for use of Internet ( इंटरेनट के लिए आवश्यक उपकरण):- मोबाइल या कम्प्यूटर डिवाइस का प्रयोग करते समय यूजर को इंटरनेट चलाने हेतु जिन उपकरणों की आवश्यकता होती है, वो निम्नानुसार
1. Microprocessor
2. RAM
3. Hard Disk
4. Monitor
5. Modem
6. किसी भी Service provider द्वारा प्रदान किया गया इंटरनेट कनेक्शन | Modem जिसके द्वारा आप कम्प्यूटर एवं इंटरनेट को आपस में
7.Connect कर सकें ।
8. Multimedia Kit
9. Pointing Device
Speed of Internet (इंटरेनट की गति) इंटरनेट स्पीड वह गति है, जिस गति पर Data को एक जगह से दूसरी जगह Transfer किया जाता है। इंटरनेट गति को MBPS (Megabits Per Second) a GBPS (Gigabits Per Second) तथा KBPS (Kilobits Per Second) में मापा जाता है। इंटरनेट की गति Network, Router, इंटरनेट प्लान एवं Internet Service Provider पर निर्भर करता है।
नोटः इंटरनेट की गति Bandwidth पर भी निर्भर करती है। किसी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के पास अधिक संख्या में इंटरनेट यूजर्स मौजूद हैं और उसकी इंटरनेट Bandwidth की capacity कम है तो ऐसे में इंटरनेट की गति भी कम हो जाती है।
जैसे – Jio 4G नेटवर्क में मौजूदा क्षमता से अधिक यूजर्स उपलब्ध हैं, जिसके कारण इंटरनेट की speed distribute हो जाती है, इससे कई स्थानों पर यूजर को 4G क्षमता वाली इंटरनेट स्पीड नहीं मिल पाती है।