What Is Graphics (ग्राफिक्स क्या है)

what is graphics (ग्राफिक्स क्या है)

Ivan Sutherland को computer graphics का जनक माना जाता है व 1963 में sketchpad नामक एक interactive graphics के आविष्कारक थे। system Graphic Multimedia में ग्राफिक्स को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है—

★ इमेज (Image)

★ बैकग्राउंड (Background)

★ बटन ( Button)

★ चार्ट (Chart)

★ फ्लो चार्ट (Flow Chart)

★ संगठन चार्ट आदि (Organisation Chart etc.)

ग्राफिक्स के प्रयोग से Multimedia का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि Graphics का प्रयोग करके किसी भी article या वस्तु या product के बारे में आसानी से समझाया जा सकता है। Graphics के प्रयोग से किसी भी product की मार्केटिंग भी आसान बन जाती है, क्योंकि उस Product का presentation ग्राफिकल फॉर्मेट में होता है तो लोगों को आसानी से समझ में आने के साथ attractive भी दिखता है। ग्राफिक्स की उपयोगिता हमारे जीवन में कई जैसे वेब डिजाइनिंग, शिक्षा, व्यापर, मनोरंजन, घरों में, अनुसंधान, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि में होती है।

कम्प्यूटर ग्राफिक्स मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं.

(i) Vector Image

(ii) Raster Image

Features of Vector and Raster Image Vector Image

  1. इसे Mathematical Raster Image Equations (Line & Curve) से दर्शाया जाता है। इसे पिक्सल के द्वारा दर्शाया जाता है
  2. इसे आकार से मापा जा सकता है। इसे मापा नहीं जा सकता।
  3. इसका रिजोल्यूशन से कोई मतलब यह रिजोल्यूशन पर निर्भर करता है। नहीं है।
  4. इस Logos और text में प्रयोग करते हैं। इसे फोटो में प्रयोग करते हैं।

Advantages of Vector Image (वेक्टर इमेज के लाभ)

इसमें डाटा की पिक्सेल पर निर्भरता नहीं होने के कारण इसमें original resolution में प्रदर्शित होता है। इसमें output (आउटपुट) आमतौर पर अधिक अच्छा देता है। वेक्टर फॉर्म में किसी डाटा के conversion की जरूरत नही होती है। डाटा का सटीक भौगोलिक स्थान बनाए रखा जाता है।

Disadvantages of Vector Image (वेक्टर इमेज के नुकसान)

प्रत्येक शीर्ष के स्थान को स्पष्ट रूप से स्टोर करने की जरूरत है। प्रभावी विश्लेषण के लिये वेक्टर डाटा को टोपोजिकल संरचना में परिवर्तित किया जाना चाहिए।

Advantages of Raster Image (रास्टर इमेज के लाभ)

प्रत्येक सेल की भौगोलिक स्थिति सेल मैट्रिक्स में अपनी स्थिति में निहित है। डाटा संग्रहण तकनीक के कारण, डाटा विश्लेषण आमतौर पर प्रोग्राम के लिए आसान होता है और प्रदर्शन करने के लिए अग्रसर रहता है। विस्तृत छवि के लिए यह बहुत अच्छा माना जाता है।

Disadvantages of Raster Image (रास्टर इमेज के नुकसान)

सेल का आकार उस Resolution को निर्धारित करता है जिस पर डाटा का प्रतिनिधित्व किया जाता है। इमेज को बड़ा करने पर पिक्सेल कट जाते हैं और पिक्चर खराब हो जाती है। इनमें बनी फाइल का आकार अधिक होता है। Image Capturing Methods एक कैमरा या स्कैनर का उपयोग करके सीधे डिजिटल फाइल बनाने की प्रक्रिया को Digital Image Capture (डिजिटल इमेज कैप्चर) कहा जाता है। इसके द्वारा एक तस्वीर को एनालॉग से डिजिटल किया जा सकता है। Digitalization की process के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की आवश्यकता होती है। इमेज कैप्चरिंग डिवाइस के रूप में डिजिटल कैमरा तथा स्कैनर का उपयोग किया जाता है।

Various Properties of Images (इमेज के विभिन्न गुण) इमेज के गुणों को मुख्य रूप में चार प्रकार में वर्गीकृत किया गया है-

  1. आकार (Size) Image के digital आकार को KB (किलोबाइट), MB (मेगाबाइट), GB (गीगाबाइट) में मापा जाता है। फाइल का आकार इमेज की Pixel Dimension (पिक्सल डायर्मेशन) के समान अनुपात में होता है। जिन इमेजेज के पिक्सल ज्यादा होत हैं वे एक दिए गए प्रिंटेड साइज पर ज्यादा विस्तृत पिक्चर उत्पन्न करते हैं लेकिन उन्हें स्टोर करने के लिए ज्यादा Disk Space की जरूरत होती है तथा उन्हें Edit तथा Print करने बहुत समय लग सकता है। GIF, JPEG तथा PNG फाइल फॉर्मेट के द्वारा उपयोग होने वाले विभिन्न कंप्रेशन मेथड के कारण फाइल साइज समान पिक्सेल डायमेंशन के लिए विभिन्न हो सकते हैं। इसी प्रकार इमेज के रंगों की बिट डेप्थ तथा परत तथा Channels की संख्या भी फाइल के आकार को प्रभावित करती है।
  2. रंग (Color) : प्रत्येक Adobe Photoshop के पास एक या ज्यादा चैनल होते हैं। प्रत्येक चैनल चित्र के Colour elements के बारे में जानकारी स्टोर करता है। एक इमेज में डिफॉल्ट रूप में उपलब्ध होने वाले चैनल्स की संख्या रंगों की पद्धति पर निर्भर करती है। एक CMYK इमेज में कम से कम चार चैनल होते हैं—Cyan, Magenta, Yellow एवं Black (CMYK) से संबंधित जानकारी के लिए प्रिंटिंग प्रोसेस की प्लेट परत के लिए एक अलग प्लेट निर्धारित की जाती है। इन डिफॉल्ट कलर चैनल के अतिरिक्त इमेज में कुछ अतिरिक्त चैनल जिन्हें अल्फा चैनल कहते हैं भी जोड़े जा सकते हैं। कलर selection मास्क की तरह स्टोर तथा एडिट करने के लिए उपयोग किए जाते हैं साथ ही प्रिंटिंग के लिए स्पॉट कलर प्लेट जोड़ने के लिए स्पॉट कलर चैनल्स को भी जोड़ा जा सकता है।
  3. गहराई (Depth) : बिट डेप्थ को Pixel depth (पिक्सेल डेप्थ), Color depth (कलर डेप्थ), केवल डेप्थ भी कहते हैं। यह इस बात का मापन करती है कि एक इमेज में प्रत्येक पिक्सेल को display अथवा print करने के लिए कितने कलर इंफॉर्मेशन उपलब्ध है। ज्यादा बिट डेप्थ का अर्थ होता है कि इमेज में ज्यादा रंग उपलब्ध हैं। तथा डिजिटल इमेज पर रंगों का प्रदर्शन ज्यादा उचित होगा।
  4. इमेज रिजोल्यूशन (Image Resolution) : एक इमेज की प्रिंटेड लंबाई की प्रति यूनिट के अनुसार प्रदर्शित होने वाले पिक्सेल की संख्या पिक्सेल प्रति इंच के संदर्भ में मापी जाती है फोटोशॉप में आप इमेज का रिजोल्यूशन बदल सकते हैं। फोटोशॉप में रिजोल्यूशन तथा पिक्सेल डायमेंशन एक दूसरे पर निर्भर करते हैं चित्र के विस्तारीकरण की मात्रा पिक्सेल डायमेंशन पर निर्भर करती है जबकि इमेज का रिजोल्यूशन इस बात का नियंत्रण करता है कि कितनी जगह पर पिक्सेल को प्रिंट किया जाएगा।

Computer graphics curves के प्रकार निम्न हैं-

Implicit curves Explicit curves Parametric curves Bezier curves. B-spline curves File Format and Its Types (इमेज फाइल फॉर्मेट एवं प्रकार)

TIFF File format : TIFF का पूरा नाम Tagged Images File Format है। इस प्रकार की इमेज File का एक्सटेंशन .tif होता है इसलिए टिफ File कहा जाता है। यह एक ऐसा File format है जिसे व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है और यह सभी प्लेटफॉर्म्स जैसे Map, Windows, Unix को support करता है। यह RGB, CMYK कलर को सपोर्ट करता है। इस फाइल का आकार अपेक्षाकृत अधिक होता है अर्थात् यह फाइल्स अधिक मेमोरी का प्रयोग करते हैं।

EPS File Format : EPF का पूरा नाम Encapsulated Post Script है। इस प्रकार की इमेज का प्रयोग ग्राफिक्स फाइल को रेंडर करने के लिए किया जाता है ताकि इनको किसी अन्य Post Script Document में प्रयोग किया जा सके इस फाइल का मुख्य लाभ यह है कि इसका आकार इसकी गुणवत्ता में परिवर्तन किए बिना परिवर्तित किया जा सकता है। इसकी आवश्यकता उच्च स्तरीय प्रिंटिंग के लिए होती है।

PNG File Format: PNG Portable Net- work Graphics है। यह इंटरनेट पर सबसे अधिक use किया जाने वाला दोषरहित इमेज कम्प्रेशन फॉर्मेट है। यह GIF की तरह 8 Bit कलर को सपोर्ट करता है। Faultless (दोषरहित) इमेज कम्प्रेशन का अर्थ है कि वे Editing के दौरान अपनी quality (क्वालिटी) नहीं खोली। इसमें ट्रांसपेरेंसी के कई options हैं। PNG-24 और PNG-32 ट्रांसपेरेंसी को सर्पोट करती हैं। यह GIF की तुलना में अधिक एडवांस है।

Advantages of Computer Graphics (Computer Graphics के फायदे)

  1. इसमें हमें computer पर High quality की images मिलती है।
  2. Computer graphics के पास moving picture को show करने की क्षमता होती है इसलिए इसके द्वारा हम animation को कर सकते है। create
  3. यह tools प्रदान करता है जिससे real world objects को create कर सकते हैं। इन tool द्वारा हम animation को create कर सकते है। जिससे 2D, 3D व 4D images को भी create कर सकते हैं।
  4. Graphics के पास Update dynamics की facility भी होती है। जिसके द्वारा picture के shape और color तथा दूसरी properties को बदला जा सकता है।
  5. Computer Graphics RT user animation speed image के एक part के view को भी control कर सकते है।
  6. Computer Graphics में किसी image को design करने की cost भी कम होती है।

Disadvantages of Computer Graphics (Computer Graphics के नुकसान)

Computer Graphics को create करना आसान नहीं होता। Computer पर आधारित Graphics Software को लगातार update करना पड़ता है। इसे उपयोग में लेने से पहले training/skills की आवश्यकता होती है।  इसमें images/picture को design करने में बहुत time और hardwork लगता है।

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