TYPE OF BACKUP { बैकअप का प्रकार}

TYPE OF BACKUP{ बैकअप का प्रकार}

Differential Backup (डिफरेंशियल बैकअप)

डिफरेंशियल बैकअप की प्रक्रिया इन्क्रीमेंटल बैकअप से थोड़ी different है। इसमें प्रथम बार system का full backup लिया जाता है एवं इसके बाद निश्चित schedule के अनुसार डिफरेन्शियल रूप में डाटा का backup लिया जाता है। इस प्रकार के बैकअप में पिछले हर backup की अलग-अलग प्रकार से फाइल तैयार होती है एवं हर बार backup होने पर पिछले किए गए सभी backup की copy नए backup के साथ-साथ save रहती है। इसमें डाटा सेव करने हेतु locally storage device या सर्वर प्रयुक्त होते हैं।

नोट:- (i) यह backup फुल बैकअप से तेज एवं इन्क्रीमेन्टल बैकअप में धीमा होता है। (ii) इसमें Restoring फुल बैकअप में से धीमी एवं इन्क्रीमेन्टल Backup से तेज होती है। Full backups की तुलना में ये बहुत ही faster backups होते हैं। इनमें केवल change किया गया data ही backup किया जाता है इसलिए इनमें storage space को efficiently इस्तेमाल किया जाता है। यह backup incremental backups की तुलना में data restore fast करते हैं। Incremental backups की तुलना में backups बहुत ही slower होते हैं। यहाँ पर incremental backup की तुलना में ज्यादा efficiently storage space का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। सारे Files जिन्हें की add किया जाता है और edit किया जाता है उन्हें initial full backup a subsequent differrential backup के साथ फिर से duplicate किया जाता है।

Mirror Backup (मिरर बैकअप)

इस प्रकार के बैकअप में किसी एक तरह के source के backup को किसी एक अलग जगह प  store कर लिया जाता है, जिससे original source की एक Mirror Image (प्रतिबिम्ब) बन जाती है। Mirror Backup में जब भी एक file को original source में delete किया जाता है, इसके mirror backup में भी वो अपने आप ही delete हो जाता है। इसलिए mirror backup को इस्तेमाल करते वक्त बहुत ही सावधानी बरतनी पड़ती है। क्यूँकि अगर कोई file अनजाने में भी किसी virus के द्वारा delete हो जाये तब वो इसके mirror backup पर भी effect कर सकता है। इसलिए बहुत से लोग इसे एक backup ही नहीं मानते हैं। बहुत सारे backup software utilities mirror backups for support provide नहीं करते हैं। ये backup बहुत ही clean होते हैं और इनमें कोई भी पुरानी और obsolete files नहीं होती है। इस backup में अगर गलती से कोई original file source से delete हो जाये तब वो mirror backup से भी delete हो सकती है।

Local Backup (लोकल बैकअप)

Local Backup में storage medium को पास रखा जाता है। उस प्रकार के Backup में जिस source computer का backup किया जायेगा, उस source computer के साथ storage medium को directly plug in किया जाता है। hard drive failures, virus attacks, accidental deletes से अच्छा protection प्रबंध करती है। यह बहुत fast restore करता है तथा बहुत ही fast backup करता है। जब right storage medium को external hard drives की तरह इस्तेमाल किया जाता है तब Storage cost बहुत ही cheap होता है। यहाँ पर backups को पास में ही store किया जाता है इसलिए बहुत ही आसानी होती है। इन्हें backups और restore के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यहाँ पर backup storage media के ऊपर और उस data की security पर भी full internal control होता है। यहाँ पर backup को बहुत ही पास store किया जाता है इसलिए theft, fire, flood, earthquakes 3 natural disasters के प्रति अच्छा protection provide नहीं करती है। इसलिए जब कहीं source को damage पहुँचती है तब backup को भी हानि पहुँचने की संभावना रहती है।

Offsite Backup (ऑफसाइट बैकअप)

इस प्रकार के Backup में Backup storage medium source Geographic (भौगोलिक) location से दूसरी में रखा जाता है। इस प्रकार का Backup किसी usual storage device में locally भी लिया जा सकता है लेकिन यदि storage medium को किसी दूसरी location पर ले जाया जाता है तो ये offsite backup बन जाता है। इस backup में local backup की तुलना में ज्यादा protection मिलता है। सिर्फ online backups को छोड़कर इसमें हमें storage media को offsite location में ले जाया जाता है। ये बहुत ही ज्यादा charge करते हैं। इस प्रकार के backup में storage devices को ज्यादा handle करना होता है इसलिए इन hard disk के damage होने की संभावना होती है।

Online Backup (ऑनलाइन बैकअप)

Online backup एक ऐसे storage medium में किया जाता है जो की source के साथ हमेशा connected रहता है। इस प्रकार के storage medium और facility हमेशा offsite में located होते हैं और इसके साथ ये backup source के साथ internet connection के माध्यम से जुड़े रहते हैं। यहाँ पर एक client application को source computer मे install किया जाता है जिसे की backup किया जायेगा। Users को पहले ये define करना पड़ता है कि उन्हें किन folders और files को backup करना है और उसके बाद ही backup का start होता है। process Storage data center को भेजने के लिए पहले Internet से data को  ompressed और encrypted किया जाता है। यहाँ storage facility एक commercial data center होता है। जो की source computer से बहुत दूर स्थित होता है। Typically इन्हें किसी भी fire और earthquake जैसे विपदाओं से बचने की दृष्टि से बनाया गया होता है। Fire, theft, natural disaster, earthquake 3f against यह backup best protection प्रदान करता है। Data को बहुत से storage media में replicate किये जाने के कारण data loss की risk बहुत ही कम होती है। यह setup के बाद online काम करता है इसलिए इसमें human manual interaction बहुत ही कम है परन्तु local backups की तुलना में ये बहुत ज्यादा खर्चीला है। ये बहुत धीरे resotre करता है। इस प्रकार के Backup में Full Backup की तुलना में Restores थोड़ा ज्यादा Complicated होता है तथा Incremental Backup की तुलना में Restores easy होता है।

Remote Backup (रिमोट बैकअप)

Remote” का मतलब है एक ऐसी ability जिसकी मदद से हम backup को किसी भी location से control और administer कर सके। इस प्रकार के backup में location में physically की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रकार के backup हेतु physically present रहना आवश्यक नहीं है, इसलिए ये backup easily manage हो जाते हैं। रिमोट बैकअप natural disaster एवं local backups की में बहुत अच्छा protection प्रदान करती है परन्तु local backups की तुलना में अधिक खर्चीली होती है।

Cloud Backup (क्लाउड बैकअप)

“Cloud” का मतलब है एक ऐसी backup storage facility जिसे इंटरनेट के माध्यम से access किया जा सके। क्लाउड बैकअप को Online backup एवं remote backupa जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रकार के backup में data को एक storage server या facility में backup किया जाता है जिसे की internet के माध्यम से किया जाता है साथ में proper login credentials के माध्यम से इन backup को securely किसी भी computer से जा सकता है। access किया connect यह एक offsite backup होने के कारण आग, बाढ़, भूकम्प एवं दूसरे प्राकृतिक आपदाओं में अच्छी सुरक्षा प्रदान करता है। यहाँ पर Data को कई sotrage devices के रूप में replicate किया जाता है। इसलिए data loss होने के chances बहुत कम होते हैं। ये backup fire, earthquake, flood एवं अन्य natural disaster के against अच्छा protection प्रदान करता है। जिस Backup में Individual files एवं folders के बजाय computer की hard drive की entire images का backup लिया जाता है उसे full computer backup या full PC backup कहा जाता है। इस प्रकार के backup में operation system, program आदि को source download से दूसरी बार reinstall करना पड़ता है, या फिर dise media से install करना पड़ता है। Full PC Backup को ‘Drive Image Backup’ भी कहा जाता है।

Data Recovery (डाटा रिकवरी)

Data recovery जिसे अक्सर restore के रूप में जाना जाता है, इसकी आवश्यकता तब होती है जब किसी भी प्रकार का डेटा पढ़ने योग्य नहीं होता है या Malicious alteration (दुर्भावनापूर्ण परिवर्तन) द्वारा Corrupt ( दूषित) हो गया है अनजाने में हुए नुकसान या Corruption के बाद data को पुनः प्राप्त करने की क्रिया, प्रक्रिया या घटना को recovery (पुन प्राप्ति) के रूप में जाना जाता है। Data की recovery की Cost अधिक है। Data Recovery के कारण Business विभिन्न तरीकों से डेटा खो सकते हैं। Technology में mistake (गलतियाँ) कभी-कभी डेटा loss का कारण बन सकती हैं जो अपरिवर्तनीय है अर्थात् जिसे बदल नहीं सकते हैं। Hacker (हैकर) दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए data लेते हैं या कम्पनी के resources (संसाधनों) को खत्म करते हैं।

Data loss के सबसे प्रचलित कारण निम्नलिखित हैं-

Virus/malware/Spyware attack

Natural Calamities Hardware failure

Manipulation in Software Human errors आदि।

Disaster Recovery (डिजास्टर रिकवरी)

Disaster recovery आमतौर पर एक planning process (योजना प्रक्रिया) है और यह एक document तैयार करता है जो business को उनकी गतिविधियों को प्रभावित करने वाली महत्त्वपूर्ण घटनाओं को हल करने के लिए सुनिश्चित करता है। ऐसी घटनाएँ प्राकृतिक आपदा (भूकम्प, बाढ़), साइबर हमला या सर्वर या राऊटर जैसी Hardware विफलता हो सकती है। किसी Data Center की Disaster Recovery (DR) site data center से अलग भूकम्पीय क्षेत्र में होती है तथा वहाँ Data की replica या copy तैयार होती रहती है। यदि किसी प्राकृतिक आपदा से Data Center काम करना बंद कर दे तो Data Center में Working सभी Application (जिनकी replica बनायी गई थी) बिना समय गवाये कुछ ही देर में DR Site से चलने लग जायेगी। इस तरह एक document होने से यह technology और infrastructure की ओर से व्यवसाय प्रक्रिया में down time को कम करेगा।

Down time:– down time वह समय होता है जितनी देर के लिए किसी application को रोका या बंद किया जाता है। यह document आमतौर पर Business Continuity plan के साथ संयुक्त होता है जो सभी प्रक्रियाओं का विश्लेषण करता है और व्यवसायों के महत्त्व के अनुसार उन्हें प्राथमिकता देता है। बड़े पैमाने पर व्यवधान के मामले में यह दर्शाता है कि कौनसी प्रक्रिया को पहले recover किया जाना चाहिए और downtime क्या होना चाहिए।

Requirement to have a Disaster Recovery Plan (डिजास्टर रिकवरी प्लान के लिए आवश्यकताएँ)

Disaster recovery, कम्प्यूटर, नेटवर्क device, Server आदि सभी assets की एक inventory के साथ शुरू होती है और Serial number द्वारा भी पंजीकरण करने की सिफारिश की जाती है। हमें सभी Software की एक inventory (सूची) बनानी चाहिए और व्यावसायिक महत्त्व के अनुसार  उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। उदाहरण— निम्न टेबल में एक inventory को दिखाया गया है-Disaster Recovery (के लिए उठाए जाने वाले निवारक कदम) Server room मे  authorized level होना चाहिए। उदाहरण के लिए- किसी भी समय केवल IT कार्मिकों को ही Server Room में प्रवेश करने की अनुमति होनी चाहिए। Danu Server Room Fire alarm, humidity sensor, flood sensor और temperature (तापमान) sensor होना चाहिए। सर्वर लेबल पर RAID System का हमेशा उपयोग किया जाना चाहिए और Server room में हमेशा एक spare hard disk होनी चाहिए। आपके पास Backup होना चाहिए। यह आमतौर पर स्थानीय और off-site backup के लिए अनुशंसित है। इसलिए आपके Server room में एक NAS होना चाहिए।

Backup समय-समय पर होना चाहिए। Internet Connectivity एक अन्य मुद्दा है और यह अनुशंसा की जाती है कि मुख्यालय में एक या अधिक इंटरनेट लाइनें होनी चाहिए। एक primary और एक secondary device के साथ जो redundancy प्रदान करता है। यदि आप एक enterprise है, तो आपके पास एक Disaster recovery site होनी चाहिए जो आमतौर प  मुख्य साइट के शहर से बाहर स्थित होती है या अन्य भूकम्पित क्षेत्र में होनी चाहिए इसका मुख्य उद्देश्य stand-by के रूप में होना है, क्योंकि disaster के किसी भी मामले में यह डेटा की replicates (प्रतिकृति) और Backup (बैकअप) लेता है।

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