Major developments in the field of IT {आईटी के क्षेत्र में प्रमुख विकास}

Major developments in the field of IT {आईटी के क्षेत्र में प्रमुख विकास}

वर्तमान समय में प्रत्येक कार्य सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) की help से किया जाता है। Information Technoloy का अर्थ विभिन्न प्रकार की Informations को Collect करना, Store करना, Process करना एवं Implement/use करना है। Information Technology का use करने से प्रत्येक कार्य fast speed से होता है। IT द्वारा त्वरित डाटा ट्रांसमिशन (quick data transmission) संभव हो पाया है। किसी भी Information को एक से दूसरे स्थान पर Quickly भेजने हेतु भी सूचना प्रौद्योगिकी का use किया जाता है। Information Technology Information & Communication Technology भी कहा जाता है, क्योंकि Communication को भी IT का ही भाग माना जाता है।

भारत में IT policy बनाने एवं लागू करने का कार्य Meity करती है। Meity का पूरा नाम ‘Ministry of Electronics & Information Technology’ है। भारत सरकार में IT के विकास Ministry of Electronics & Information Technology कार्यरत है। IT मंत्रालय के वर्तमान में मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का संचालन एवं Policy Making सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (Information Technology Act 2000) के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (Information Technology Act 2000) सूचना तकनीक अधिनियम (Information Technology Act 2000) भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है, जो 17 अक्टूबर, 2000 को पारित हुआ। 27 अक्टूबर, 2008 को एक घोषणा के द्वारा इसे संशोधित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संकल्प के बाद भारत ने मई 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 पारित किया तथा 17 अक्टूबर, 2000 को अधिसूचना जारी कर इसे लागू कर दिया गया। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 को सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम, 2008 के माध्यम से काफी संशोधित किया गया, जिसे 23 अक्टूबर, 2008 को भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था।

सूचना-प्रौद्योगिकी अधिनियम द्वारा विभिन्न digital documents एवं Electronic signature को कानूनी मान्यता प्रदान करना, Cyber-Crime के लिए कानून का प्रावधान, Quick Information Transmission आदि कार्य किये जाते है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास एवं अनुप्रयोग (Development & Application in the Field of IT)

ई-गवर्नेस (E-Governance)

E-Governance का अर्थ Electronic Governance है, जो सेवाओं (Services) के digitalization को बढ़ावा देता है। ई-गवर्नेस का अर्थ सभी सरकारी कार्यों/योजनाओं सुविधाओं को ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से जनता तक आसानी से पहुँचाना है। सरकार की आम नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को Technology का प्रयोग करके इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध कराना ई-गवर्नेस या ई-शासन कहलाता है

ई गवर्नेस के अंतर्गत आने वाले कार्यों में बिजली, पानी, टेलीफोन, मोबाइल, DTH के बिल भरना आदि शामिल है। PAN CARD, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन, आयकर रिटर्न (ITR) फाईल करना आदि भी ई-गवर्नेस में शामिल बस, हवाई जहाज, ट्रेन आदि के ऑनलाइन टिकट करना। ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा सभी बैंकिंग सेवाओं के लाभ ले सकते हैं। E-Governance को अपनाने के कारण पारदर्शिता के साथ सेवाओं की तीव्रता से अर्थात् कम समय में उपलब्धता जाती है। E-Governance के कारण आम नागरिक भी सरकारी सेवाओं का आसानी से उपयोग कर लेता है। ई-गवर्नेस या ई-शासन 4 प्रकार की होती हैं

G2G (Government to Government) E-Governance में प्रयुक्त G2G का पूर्ण रूप Government to Government है। इसमें सरकारों के मध्य सूचनाओं का डिजिटल रूप में आदान-प्रदान होता है। जैसे केन्द्र एवं राज्य सरकार, दो राज्यों की सरकारों के मध्य सूचनाओं को digital रूप में Exchange करना।

G2C (Government to Citizen) G2C – इसके द्वारा सरकारी योजनाओं को आम नागरिक तक digital रूप में पहुँचाया जाता है। इसमें एक ऑनलाईन प्लेटफार्म विकसित कर दिया जाता है। जैसे राजस्थान में SSO के द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आवेदन करना, खाद्य सुरक्षा, सरकारी बीमा योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन करना आदि G2C के उदाहरण हैं।

G2B (Government to Business) G2B : इसमें सरकार द्वारा किसी व्यवसाय हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं को डिजिटल रूप में किसी व्यवसायी तक पहुँचाना शामिल है। जैसे—किसी उद्योग हेतु सरकारी ऋण सहायता का आवेदन, ऑनलाईन निविदा आदि इसके उदाहरण है।

G2E (Government to Employees) G2E : इसमें कर्मचारियों हेतु उपलब्ध सरकारी सेवाओं को डिजिटल प्रारूप द्वारा तीव्रता से किसी कर्मचारी द्वारा एक्सेस किया जाना शामिल हैं। जैसे किसी कर्मचारी द्वारा ऑनलाईन बीमा, पेंशन आदि का आवेदन करना G2E सेवा का उदाहरण है।

ई-कॉमर्स (E-Commerce) : E-Commerce का अर्थ Electronic Commerce है। इंटरनेट के माध्यम से चीजों/वस्तुओं को खरीदना या बेचना E-Commerce कहलाता है। Amazon, Flipkart, Mantra, Zomato आदि E-Commerce Website हैं। इनमें Payment भी Virtually कर सकते हैं अर्थात् Credit Card, Debit Card, Net Banking से पैसे दिए जा सकते हैं।

ई-कॉमर्स व्यावसायिक जानकारी के ट्रांसफर के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करता है-

★ इलेक्ट्रॉनिक डाटा एक्सचेंज (EDI)

★ इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (EFT)

★ इलेक्ट्रॉनिक मेल (E-mail)

★ इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड

Types of E-Commerce

  1. B2B (Business to Business) एक कंपनी अपने उत्पाद ऑनलाइन दूसरी कंपनी को बेचती है, जो उसके अन्तिम ग्राहक को उस उत्पाद को बेचती है। जैसे अलीबाबा, ऑरेकल
  2. B2C (Business to Consumer) : इसमें एक कंपनी अपनी ऑनलाइन वेबसाइट या एप्लिकेशन से सीधे ही उपभोक्ता (Consumer) को उत्पाद बेचती है। उपभोक्ता वेबसाइट पर कंपनी के उत्पादों को देख सकता है एवं उनमें से चुनकर उत्पाद खरीद सकता है। जैसे— Amazon, Flipkart

ई-बैंकिंग (E-Banking)

इंटरनेट के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करना, बेलेंस जानना, डिजीटल भुगतान करना आदि सेवाएँ, इंटरनेट बैंकिंग, ई-बैंकिंग, नेट बैंकिंग, ऑनलाईन बैंकिंग कहलाती है। इसमें डिजीटल Fund Transfer हेतु EFT (Electronic Fund Transfer) तकनीक प्रयुक्त होती है। ई-बैंकिंग (E-Banking) से Fund Transfer करने के कुछ नियम एवं तरीके निम्नलिखित हैं-

NEFT— NEFT का पूर्ण नाम National Electronic Fund Transfer है। NEFT का उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर एक अकाउंट से दूसरे अकांउट में Fund Transfer करने के लिए किया जाता है।

RTGS— RTGS का पूर्ण नाम Real Time Gross Settlement है। यह तुरन्त या Fast Fund Transfer करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।

UPI— UPI का पूर्ण नाम (Unified Payment Interface) है। UPI को उपयोग में लेने के लिए हमारा मोबाइल नम्बर बैंक खाते से Link होना चाहिए एवं इसका उपयोग Smart Phone से ही सम्भव है। वर्तमान में UPI का उपयोग बिल जमा करने, मोबाइल रिचार्ज करने, हॉटल, मॉल, रेस्टोरेंट आदि में किया जाता है।

OTP— OTP का पूर्ण रूप One Time Password है। Online Banking या Fund Transfer करते समय हमारे मोबाइल पर SMS के माध्यम से OTP आता है, जो गोपनीय पासवर्ड (Secret Password) है।

MDM— मनी डिपॉजिट मशीन (Money Deposit Machine) : इसके द्वारा Banks में ग्राहकों को Money deposit करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके माध्यम से ग्राहक निर्धारित सीमा तक Money deposit (धन जमा) कर सकते हैं।

ATM :- ATM का पूरा नाम Automated Teller Machine है। ATM की सहायता से धन राशि को credit/debit किया जाता है। भारत में ATM की  शुरूआत 1987 में हांगकांग एण्ड शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (HSBC) ने मुम्बई में की।

डिजिटल पेमेन्ट (Digital Payment) : Digital Payment का अर्थ है किसी सेवा या उत्पाद की कीमत या भुगतान डिजिटल माध्यम से करना।

इंटरनेट बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा भुगतान एक यूनिक आईडी एवं पासवर्ड से login पश्चात् OTP (one Time Passward) से सत्यापन होने के बाद किया जाता है। क्रेडिट कार्ड, एक छोटा सा प्लास्टिक का कार्ड है, जो किसी बैंक या संस्था द्वारा जारी किया जाता है, जिससे धारक सामानों या सेवाओं को क्रेडिट पर खरीद सकते हैं। डेबिट कार्ड भी क्रेडिट कार्ड के समान ही हैं, लेकिन इसमें कोई ट्रांजेक्शन करते समय धन सीधा आपके खाते से ही Debit हो जाता है।

डेबिट कार्ड : को Bank Card या Check कार्ड भी कहा जाता है। Rupay कार्ड डेबिट कार्ड का ही एक भारतीय संस्करण है जो National Payment Corporation of India द्वारा बनाया गया। डिजिटल भुगतान के अन्य माध्यम UPI (Unified Payments Interface), Paytm, BHIM (Bharat Interface for Money), GooglePay, Phone Pay App आदि हैं। POS का पूर्ण रूप Point of Sale होता है।

डिजिलॉकर (Digilocker) डिजिटल लॉकर डिजिटल भारत कार्यक्रम की एक पहल है। इसका एक बीटा संस्करण इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DEITY), भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। डिजिटल लॉकर का उद्देश्य भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को सक्षम करना है। इस पोर्टल की मदद से E-document का आदान-प्रदान पंजीकृत कोष के माध्यम से किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित हो। इसमें आवेदक अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को अपलोड कर सकते हैं और डिजिटल ई-साइन सुविधा का उपयोग कर उन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

ई-वॉलेट (E-wallet) ई-वॉलेट एक डिजिटल बटुआ है जिसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक ट्राजेक्शन करने के लिए किया जाता है जिसमें ऑनलाइन खरीददारी, बिल भुगतान, रिचार्ज, टिकट बुकिंग, मनी ट्रांसफर आदि शामिल हैं। यह एक प्रीपेड सेवा होती है। E-Wallet का पूरा नाम Electronic Wallet है। इसे मोबाइल वॉलेट, डिजिटल वॉलेट, वर्चुअल वॉलेट भी कहा जाता है

विकिपीडिया (Wikipedia)

विकिपीडिया एक निःशुल्क विश्वकोश है जो हर किसी व्यक्ति द्वारा एडिट या लिखा जा सकता है। इस ऑनलाइन विश्वकोश में लाखों करोड़ों लोगों द्वारा विभिन्न विषयों पर लिखे गये लेख मौजूद है। विकिपीडिया के आर्टिकल्स 270 से भी ज्यादा भाषाओं में मौजूद हैं। विकिपीडिया का नाम हवाई भाषा के शब्द से लिया गया है— (Wiki-जल्दी। इसका अर्थ है टेक्नोलॉजी का एक ऐसा माध्यम है जो वेबसाइटर और विश्वकोष को मिलाकर सक्षम बनाता है। विकिपीडिया की शुरुआत वर्ष 2001 में हुई थी। प्रतिदिन लाखों विकिपीडिया वॉलेंटियर आर्टिकल लिखते हैं और साथ ही एडिट भी करते हैं जिसके कारण विकिपीडिया दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोर्टल जहाँ दुनिया के लगभग सभी चीजों के विषयों में आप जानकारी पा सकते हैं।

सोशल नेटवर्किंग (Social Networking)

सोशल नेटवर्किंग एक ऑनलाइन सेवा/प्लेटफॉर्म है जो ऐसे व्यक्तियों जिनकी रुचियाँ एवं गतिविधियाँ समान होती हैं के बीच सामाजिक नेटवर्किंग अथवा सम्बन्धों को बनाने एवं परिलक्षित करने का कार्य करता है। सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म के उदाहरण हैं— फेसबुक, व्हाट्अप, ट्विटर, इंस्टाग्राम इत्यादि हैं।

सोशल नेटवर्किंग की तीन मूलभूत श्रेणियाँ हैं—

★ रियूनाटिंग साइट्स ये वेब साइट ऐसे लोगों को जोड़ने का कार्य करती है जो एक-दूसरे को पहले से जानते तो हैं किन्तु संपर्क में नहीं है। इस साइट्स के द्वारा एक सोशल नेटवर्क में शामिल होकर अपनी प्रोफाईल बना सकते हैं। इसमें प्रोफाईल निर्माण में उम्र, लिंग, स्कूल का नाम जैसी अनेक जानकारियां प्रयुक्त होती है। ये जानकारी रियूनाटिंग साइट के डेटाबेस में जोड़ी जाती है। उदाहरण- फेसबुक

★ फ्रेंड ऑफ ए फ्रेंड साइट्स ये वेबसाइट ऐसे लोगों को जोड़ने का कार्य करती है जो एक-दूसरे को नहीं जानते परन्तु कोई एक ही व्यक्ति उन दोनों का मित्र है। उदाहरण फ्रेंडस्टर तथा माय स्पेस कॉमन इंटरेस्ट साइट्स ये वेबसाइट समान रूचि या शौल वाले व्यक्तियों को जोड़ने का कार्य करती है। उदाहरण- Flicker, Meetup.

यू-ट्यूब ►YouTube

यू-ट्यूब एक वीडियो शेयरिंग सर्विस है जो यूजरों को अन्य यूजरों द्वारा पोस्ट किए गये वीडियो देखने एवं स्वयं के वीडियों अपलोड करने की अनुमति देती है। इसकी शुरुआत 2005 में एक स्वतंत्र वेबसाइट के रूप में हुई तथा 2006 में इसे गूगल (Google) ने अधिग्रहित कर लिया। यू-ट्यूब पर शेयर किये गये वीडियो यू-ट्यूब वेबसाइटों के अलावा अन्य वेबसाइटों पर भी पोस्ट किये जा सकते हैं। यू-ट्यूब वेबसाइट का नारा “ब्रॉडकास्ट योरसेल्फ” है अर्थात् यू-ट्यूब सेवा मुख्य रूप से सामान्य लोगों के लिए बनाया गया है जो अपने द्वारा बनाए गये वीडियो प्रकाशित करना चाहते हैं जबकि कई कम्पनियाँ और संगठन अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं।

इंस्टाग्राम (Instagram) : इंस्टाग्राम फोटो शेयरिंग एवं सोशल नेटवर्किंग सेवा है। इसमें यूजर फोटो, शॉर्ट वीडियो को उनके follower के साथ साझा कर सकता है। इंस्टाग्राम पोस्ट को अन्य सोशल नेटवर्क फेसबुक, फ्लिकर तथा ट्विटर पर भी शेयर किया जा सकता है। इंस्टाग्राम अक्टूबर 2010 में केविन सिस्ट्रॉम (Kevin Systrom) तथा माइक क्रिगर (Mike Krieger) द्वारा लॉन्च किया गया। अप्रेल 2012 में सिस्ट्रॉम ने इंस्ट्राग्राम को फेसबुक को बेच दिया। इंस्टाग्राम का लोगो केविन सिस्ट्रॉम द्वारा डिजाइन किया गया था। इसमें एक इन्द्रधनुषी पट्टी के साथ नॉक ऑफ पोलेरॉइड कैमरा था। क्योंकि यह प्रोजेक्ट मूल रूप से फोटो लेने एवं साझा करने के लिए ही उपयोग किया गया था इसलिए यह डिजाइन स्वाभाविक लग रही थी।

व्हाट्सअप (Whatsapp) : व्हाट्सअप मैसेंजर एप है जिसे स्मार्टफोन पर डाउनलोड किया जाता है। इसमें मैसेज, चित्र, ऑडियो एवं वीडियो आदि को भेजने के लिए इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है। व्हाट्सअप की स्थापना जान कौम (Jan Koum) तथा ब्रायन एक्टन (Acton) ने की जिन्होंने याहू में सामूहिक रूप से 20 वर्ष कार्य किया था।वर्ष 2014 में व्हाट्सअप फेसबुक में शामिल हो गया व्हाट्सअप में एण्ड टू एण्ड एन्क्रिप्शन का विकल्प भी उपलब्ध होता है क्योंकि कुछ निजी सूचनाएँ आपस में सिक्योर तरीके से साझा की जा सके इस मैसेजर सेवा व्हाट्सअप वेबसाइट पर जाकर विंडोज पर डाउनलोड कर डेस्कटॉप पर भी उपयोग कर सकते हैं। इस सेवा में ग्रुप चैटिंग, वॉयस मैसेज एवं लोकेशन शेयरिंग जैसे अन्य फीचर्स भी उपलब्ध होते हैं।

फेसबुक (Facebook)

फेसबुक एक ऑनलाइन रीयूनाइटिंग सोशल नेटवर्किंग सेवा है जो अपने यूजरों, मित्रों एवं परिवार के साथ जुड़ने के साथ-साथ नये संबंध स्थापित करने की अनुमति देती है। इसके द्वारा यूजर अपनी प्रोफाइल बनाना, जानकारी अपडेट करना, चित्र जोड़ने, दोस्ती का अनुरोध भेजने एवं अन्य यूजरों का अनुरोध स्वीकार करना आदि कार्य कर सकता है। ॐ पेसबुक के मुख्य फीचर स्टेटस अपडेट, फोटो टेगिंग तथा शेयरिंग है। फेसबुक एक अमेरिकी ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग सेवा है। इसकी स्थापना वर्ष 2004 में हावर्ड विश्विद्यालय के चार छात्रों मार्क जकरबर्ग, एडुआर्डो सेवरिन, डस्टिन मोस्कोविन्ज और क्रिस ह्यूजेस ने की थी। फेसबुक का मुख्यालय मेनोपार्क कैलिफोर्निया में है।

ट्विटर (Twitter)

ट्विटर एक ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट है जो यूजर को सूचना शेयर करने का अवसर प्रदान करता है। Twitter का पूरा नाम “Typing What I’m Thinking That Everyone’s Reading” है। यूजर इसमें एक दूसरे को “follow” करते हैं। ट्विटर की स्थापना वर्ष 2006 में Jack Dorsey, Noah Glass, Biz Stone के द्वारा हुई थी।

स्नैपचैट (Snapchat)

स्नैपचैट एक मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप है जिसमें हम तरह तरह के फिल्टर्स का उपयोग करके फोटोज और वीडियोज बना सकते हैं तथा अपने स्नैपचैट फ्रेंड्स के साथ शेयर कर सकते हैं। शेयर किया हुए स्नैप सीन होने के बाद गायब हो जाता है साथ ही इस एप में हम अपने दोस्तों के साथ चैटिंग और वीडिया कॉल भी कर सकते हैं। स्नैपचैट में हमें कई तरह के फिल्टर्स, लॅसेज, विटमोजी और फन इफेक्ट देखने को मिल जाते हैं।

टेलीग्राम एप (Telegram App)

टेलीग्राम एवं एक इंस्टॉल मैसेनजिंग एप है जो बिल्कुल व्हाट्सअप की तरह काम करता है। इसको इस्तेमाल करना बेहद आसान है। आप इसे एन्ड्रॉयड, iOS और पर्सनल कम्प्यूटर में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। टेलीग्राम काफी ज्यादा आसान है, वे काफी ज्यादा रिलायबल, सेफ और सिक्योर है। ये एक क्लाउड बेस्ड इन्सटेंट मैसेजिंग सर्विस है और इसमें सारा डाटा टेलीग्राम के क्लाउड पर सेव होता है। टेलीग्राम को सबसे पहले वर्ष 2013 में Nikolai और Pavel ने बनाया। इसे बनाने में Nikolai Durov ने MT Protocol को Create किया और Pavel ने इस प्रोजेक्ट में वित्तीय मदद की। टेलीग्राम का कहना है कि उन्होंने इसे एक नॉन प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन की तरह बनाया है।

मल्टीमीडिया (Multimedia) :

मल्टीमीडिया दो शब्दों से मिलकर बना है मल्टी एवं मीडिया। मल्टी का अर्थ है बहुत सारे तथा मीडिया का अर्थ है पैकेज या एलिमेंट। जैसे इमेज, टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो आदि अर्थात्म ल्टीमीडिया विभिन्न इमेज, आर्ट, साउण्ड, ऑडियो, वीडियो आदि का समूह है। ऑडियो (श्रव्य) में केवल आवाज या साउण्ड सुनाई देता है एवं वीडियो (दृश्य) आवाज एवं साउण्ड के साथ-साथ चित्र भी दिखाई देते हैं। ऑडियो (श्रव्य) एवं वीडियो (दृश्य) दोनों मल्टीमीडिया में प्रयुक्त होते हैं। कम्प्यूटर सिस्टम से विभिन्न प्रकार की डिवाइस मल्टीमीडिया हेतु कनेक्टिविटी आदि को जोड़ने के लिए अनेक प्रकार के पोर्ट का प्रयोग किया जाता है। जैसे सीरियल पोर्ट, यू.एस.बी.पोर्ट, पैरेलल पोर्ट आदि

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