Know what is file in Hindi {जानिए फाइल क्या है हिंदी में}

Know what is file in Hindi {जानिए फाइल क्या है हिंदी में}

प्रत्येक कम्प्यूटर सिस्टम में डाटा जैसे text, audio, video आदि को Files के प्रारूप में ही स्टोर किया जाता है अर्थात् कम्प्यूटर सिस्टम में सब कुछ files के अनुसार ही store किया जाता है। कम्प्यूटर सिस्टम में डाटा को संग्रहित एवं व्यवस्थित (Store & Arrange) करने हेतु फाइल सिस्टम प्रयुक्त होता है।

फाइल (File)

कम्प्यूटर सिस्टम में प्रयुक्त फाइल डाटा या जानकारी का एक क्लेक्शन है, जिसे फाइल नेम, Icon द्वारा पहचाना जाता है। एक फाइल Related Informations का समूह है जो Optical disc, Magnetic tape, Magnetic disk – Secondary Storage Media में Store रहता है। एक फाइल bits, bytes, lines एवं Records का Sequence है, जिसका Meaning user द्वारा निर्धारित किया जाता है। Data के प्रत्येक digital समूह को file कहा जाता है।  File Physical Storage पर स्टोर Related सूचनाओं के समूह को कहा जाता है।

यूजर के डाटा को ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से Store करने वाली मेमोरी की सबसे छोटी इकाई File कहलाती है। फाइल एक मेमोरी का block होती है जिसमें data को एक निर्धारित sequence में स्टोर किया जाता है। कम्प्यूटर में मौजूद पिक्चर, ऑडियो, विडियो, एप्लीकेशन्स, डेस्कटॉप आइकॉन आदि को भी File की श्रेणी में ही रखा गया है।

File में Store Information नॉन वोलेटाइल होती हैं अर्थात् Power loss होने पर भी Information store ही रहती है। File का प्रयोग किसी भी Information (सूचना) को Long time तक Store करने हेतु किया जाता है।

एक कम्प्यूटर में डाटा जब तक Store नहीं हो सकता तब तक कि Data एक फाइल में Store ना हो जाये।

एक File text, image, audio, video, picture आदि सभी प्रकार के data को store कर सकती है। कम्प्यूटर में स्टोर की गई सभी जानकारी एक फाइल के रूप में ही होती है। कम्प्यूटर सिस्टम में डाटा को सही प्रकार से व्यवस्थित रखने हेतु फाइल प्रयुक्त होती है।

फाइल नेम (File Name)

कम्प्यूटर में किसी भी डाटा या सूचना को फाइल के रूप में स्टोर किया जाता है। इन फाइलों को पहचानने हेतु जो नाम दिया जाता है वो फाइल नेम (File name) कहलाता है।

 यूजर कम्प्यूटर में किसी फाइल को Store करते समय जो नाम देता है, वो नाम File Name कहलाता है अर्थात् फाइल को कम्प्यूटर में स्टोर करते समय User द्वारा दिया गया नाम ही फाइल नेम होता है। फाइल नेम किसी कम्प्यूटर सिस्टम में स्टोर फाइल को Unique रूप से पहचानने हेतु प्रयुक्त होता है।

किसी फाइल को दिए गए file name में मुख्यतः दो भाग होते हैं-

1. Name (नेम) यह फाइल का Basename होता है जो यूजर द्वारा दिया जाता है। 2. Extension ( एक्सटेंशन) किसी फाइल का एक्सटेंशन उस फाइल का प्रकार बताता है कि फाइल किस फॉर्मेट में है।

फाइल एक्सटेंशन सिस्टम द्वारा automatic भी दिया जाता है। जैसे- IA.doc एक फाइल नेम है जिसमें IA नाम की फाइल है तथा doc एक्सटेंशन है जो यह बताता है कि फाइल का प्रकार एक डॉक्यूमेंट फाइल है। फाइल नेम द्वारा किसी भी फाइल को कम्प्यूटर सिस्टम में easily access किया जा सकता है।

फाइल नेम की शुरुआत अक्षरांकीय (अक्षर एवं अंक) प्रारूप में होती है। जैसे—Jaipur.docx की शुरुआत अक्षर (Character) से हुई है। 123.docs में 123 एक फाइलनेम है जिसकी शुरुआत अंकीय प्रारूप में हुई है।

Window ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा प्रयुक्त किसी फाइल का फाइलनेम अधिकतम 255 character का हो सकता है जिसमें स्पेस, Multiple periods एवं numbers शामिल हैं।

विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम में जब किसी फाइल को long file name देकर सेव किया जाता है तो Background compatibility में एक 8.3 file name भी save होता है। यह सिस्टम के Background में automatically चलता है जिसमें 8 character में फाइल का नाम एवं 3 character में फाइल का एक्सटेंशन save रहता है। 8.3 फाइलनेम 8 character for filename> <3 character for extension >

जब यूजर किसी फाइल को लम्बे फाइल नेम के साथ save करता है। तो यह 8.3 name ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा automatically assign किया जाता है जिसमें पहले छः अक्षर long file name के एक tilde का एक sequential number का होता है। नोट:-

1. किसी भी फाइल को File Name देते समय Character Count limitation भिन्न-भिन्न हो सकती है क्योंकि यह विभिन्न फाइल सिस्टम पर निर्भर करती है। जैसे Older MS-DOS FAT File सिस्टम में किसी फाइल को नाम देते समय Base file name हेतु अधिकतम 8 character एवं एक्सटेंशन हेतु 3 Character होते हैं तथा dot separater को मिलाकर कुल 12 character होते हैं इसको सामान्यतया 8.3 file name कहा जाता है।

2. विण्डोज FAT एवं NTFS File system में 8.3 File name नहीं होता क्योंकि इनमें फाइल को लम्बा फाइल नेम (long file name) दिया जाना संभव है। लेकिन ये फाइल सिस्टम 8.3 वर्जन को भी सपोर्ट करते हैं।

File Naming Rule भिन्न-भिन्न प्रकार के फाइल सिस्टम में किसी फाइल को नाम देते समय भिन्न-भिन्न नियम होते हैं, किन्तु सभी फाइल सिस्टम हेतु कुछ fundamental rules होते हैं जो निम्नानुसार हैं एक फाइलनेम अधिकतम 255 character long हो सकता है एवं इसमें Numbers, letters एवं under scores हो सकते हैं। किसी भी फाइल को दिया गया फाइलनेम descriptive एवं Meaningful होना चाहिए।

फाइल नेम के सम्बन्ध में ऑपरेटिंग सिस्टम Case-Sensitive होता है। यह Upper case एवं Lower case को अलग-अलग Consider करता है। जैसे ॐ RAM एवं ram भिन्न फाइलनेम हैं। किसी फाइल के नाम में Base file name को extension से Seprate करने हेतु period का use करते रहे। किसी Path के Components को seperate करने हेतु backslash (\) का प्रयोग करें। किसी फाइल को नाम देते समय निम्नलिखित Characters का प्रयोग नहीं किया जाता है।

फाइल स्ट्रक्चर (File Structure ) फाइल स्ट्रक्चर फाइलों को पहचानने एवं उनको उचित प्रकार से उल्लेखित करने हेतु प्रयुक्त होता है।

फाइल स्ट्रक्चर के प्रकार (Types of File Structure ) Text File (टेक्स्ट फाइल ) एक text file ऐसे Characters का sequence है जो lines में organized (व्यवस्थित) रहते हैं।  Image File (इमेज फाइल) एक Image file में Photograph, Vector आदि Visual Informations होती है।

Source File (सॉर्स फाइल) एक Source File Procedures एवं Functions एवं Subroutines का sequence होता है जिनकी Compiling later होती है।

Object File (ऑब्जेक्ट फाइल) एक Object file ऐसे bytes में का sequence होती है जो Block में organize (व्यवस्थित) रहते हैं। ये Block किसी Machine द्वारा आसानी से समझे जा सकते हैं। Executable File (एक्जिक्यूटेबल फाइल) इस प्रकार की फाइल में वो Binary Code Store होता है जो Execution (एक्जिक्यूशन) करने के लिए Loader द्वारा Memory में लाया जाता है।

फाइल एट्रिब्यूट्स (File Attributes) प्रत्येक File की properties अलग-अलग सिस्टम पर भिन्न-भिन्न हो सकती है फिर भी Generally जो Common properties है वो निम्नानुसार हैं।

1. Name : File को दिया गया Unique नाम जिसके द्वारा कोई व्यक्ति File को Recognize करता है अर्थात् File Name वो नाम होता है, जिसके द्वारा कोई व्यक्ति उस फाइल को आसानी से पहचान सके ।

2. Identifier : एक विशेष प्रकार का Number tag जो File System में किसी File को Identify करने अर्थात् पहचानने हेतु प्रयुक्त होता है, ये Number tag आइडेन्टिफायर कहलाता है।

3. Type : फाइल टाइप किसी file के बारे में ऐसी informations बताता है, जो system से support प्राप्त करने हेतु सहायक होती है। यह बताता है, कि जिस फाइल को user देख रहा है या एक्सेस कर रहा है वह फाइल किस प्रकार की है। जैसे कि यदि कोई फाइल MS word की है तो file type द्वारा यह पता लग जायेगा कि ये फाइल वर्ड की है।

4. Size : फाइल साइज फाइल का आकार बताता है, जैसे- Byte, KB (Kilobyte), MB (Megabyte) आदि। जितना किसी फाइल का आकार होगा, उसके अनुसार ही वो फाइल मेमोरी storage space occupies में करती है। फाइल के आकार को विभिन्न tools का प्रयोग करके घटाया बढ़ाया जा सकता है।

5. Access Control: File fue Read, Write, execute, change, delete Access control प्रदान किया जाता है अर्थात् Access control यह बताता है। कि System में File को Read, Write, Execute कौन कर सकता है।

फाइलों के प्रकार (Types of File) फाइल का प्रयोग कम्प्यूटर में सूचना/रिकार्ड/डाटा को स्टोर करने हेतु होता है। कम्प्यूटर में stored सभी जानकारियाँ फाइलों में स्टोर रहती है। ये फाइलें भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे – टेक्स्ट फाइल, प्रोग्राम फाइल, डेटा फाइल आदि ।

आप किसी भी फाइल के एक्सटेंशन को देखके उस फाइल के प्रकार को पहचान सकते है। ऑपरेटिंग सिस्टम के सपोर्ट के आधार पर फाइलों के प्रकार इस आधार पर फाइल के 6 प्रकार हैं—

1. मल्टीमीडिया फाइल (Multimedia Files)

कम्प्यूटर में के गाने, वीडियो, फोटो इत्यादि फाइल्स में होता है। यह फाइल्स ज्यादातर मनोरंजन के लिए बनाई जाती है। इन फाइल्स को ऑडियो प्लेयर, वीडियो प्लेयर और इमेज viewer की सहायता से खोला जाता है। मल्टीमीडिया फाइलों में उपयोग किए जाने वाले सामान्य एक्सटेंशन हैं— ऑडियो- .mp3, wav, aac, इत्यादि । वीडियो mp4, 3gp, 4v, flv, mkv, mpeg, इत्यादि । फोटो या इमेज-.jpg, png, ico, gif, bmp, svg, इत्यादि ।

2. डॉक्यूमेंट फाइल (Document Files)  आपके कम्यूटर की PDF, Word, Text, इत्यादि फाइल्स जिनमें लिखित जानकारी होती है उन फाइल्स का समावेश डॉक्यूमेंट फाइल में होता है। यह फाइल्स जरूरी जानकारी को संभाल कर रखने और जरूरी लोगों को शेयर करने के लिए इस्तेमाल होती है। .doc, pdf, .txt, .odt, wpd, rtf, इत्यादि डॉक्यूमेंट फाइल में इस्तेमाल किये जाने वाले सामान्य एक्सटेंशन हैं।

3. प्रोग्राम फाइल (Program File) कम्प्यूटर के सभी सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम्स को फाइल्स के बनाया जाता है। उन्हीं फाइल्स को प्रोग्राम फाइल्स कहते है। समूह से * यह फाइल्स सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम्स के काम करने के लिए काफी जरूरी होती है। कम्प्यूटर के डेस्कटॉप आइकॉन भी प्रोग्राम फाइल्स की श्रेणी में आते है जो प्रोग्राम फाइल्स का हिस्सा होते है। .exe, apk, .bat, .bin, wsf, dil, sfx, इत्यादि प्रोग्राम फाइल्स के सामान्य एक्सटेंशन है।

4. सिस्टम फाइल (System Files) कम्प्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने और सहयोग करने वाली में “Windows” नामक फाइल्स को सिस्टम फाइल्स कहते हैं। यह फाइल्स आपके कम्प्यूटर के “C ड्राइव” फोल्डर में है। इन फाइल्स के डिलीट या करप्ट हो जाने से आपके कम्प्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जाता है।

back, .cur, .dmp, .dll, .exe, inf, pnf, json, .dat, .cgi, इत्यादि सिस्टम फाइल्स के एक्सटेंशन्स है। आर्चिव फाइल (Archive Files) * बैकअप, स्टोरेज या शेयर करने के लिए एक या एक से अधिक फाइल को मिलाके एक कंप्रेस्ड (Compressed) फाइल बनायी जाती है।

यह कंप्रेस्ड फाइल मूल साइज से कम साइज की होती है, जिसकी वजह से ये बैकअप, स्टोरेज या शेयर करने के लिए काफी उपयुक्त होती है।

कंप्रेस्ड फाइल के अंदर की फाइल्स इस्तेमाल करने के लिए उसे डिकम्प्रेस करना होता है, जिसे आप Winrar नामक सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से कर सकते है।72 zip rar, bak, 7, tar, g7, deb, arj, pkg, इत्यादि आर्चिव फाइल के सामान्य एक्सटेंशन है। सर्वर फाइल (Server Files)

5.इंटरनेट पर चलने वाली सभी वेब साइट्स और एप्लिकेशन्स फाइल्स की मदद से चलती है। यह फाइल्स इंटरनेट पर एक सर्वर में रखी होती है और उन्हें सर्वर फाइल्स कहा जाता है। .html, xhtml, aspx, php, rss, jsp, xml, css, cfm, .js, cer, इत्यादि सर्वर फाइल के सामान्य एक्सटेंशन्स है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के सपोर्ट के आधार पर फाइलों के प्रकार विभिन्न प्रकार के Operating system, different files ( भिन्न- भिन्न फाइल्स) को Support करते हैं, Files के कुछ Common प्रकार निम्नानुसार हैं

1. Ordinary File: Ordinary file सामान्यतया User Program की information रखती है। यह फाइल विभिन्न प्रकार की Application जैसे- Notepad Paint, C Program, Song. Video आदि को रखती है अर्थात् यूजर द्वारा Create की गई सभी फाइलें Ordinary file तो होती हैं किसी Ordinary file में text, database, Image एवं executable program होते हैं। User द्वारा इन फाइल्स पर add, Multiply Modify, Delete, Remove आदि कई Operations perform किए जाते हैं।

2. Directory File Directory File वो File होती हैं जो किसी Particular directory या Folder में Save होती है क्योंकि जो File Directory से सम्बन्धित होगी वो Directory या Folder में ही Store होगी। जैसे किसी Folder का नाम Videos है, जिसमें 8 कई Video है, तो Videos Folder की सभी Files directory file होंगी। Directory file, file names की list व इन Files से सम्बन्धित Information को रखती है।

3. Special Files Special file वो फाइल होती है जो किसी System को RUN करने हेतु आवश्यक होती है। ये Files user द्वारा Create नहीं की जाती हैं अर्थात् special files को कम्प्यूटर यूजर नहीं बनाता है। ये वो फाइल होती है जो फाइल सिस्टम में स्टोर रहती है। एक Operating System या Windows की सभी फाइल Special File होती हैं।

System File, Windows File, Input-output File f सभी Special प्रकार की files होती हैं। + सभी System file का Extension (एक्सटेंशन) Sys होता है।

Special files को devices files भी कहा जाता है। 4. FIFO File : Computer System में किसी क्रम में चल रही Process को Execute करने हेतु इस File का use होता है। जो फाइल पहले आती है वो Execute भी पहले ही होगी एवं ये Sequence Order Continuously Maintain रहेगा अर्थात् ये क्रम लगातार चलता ही रहेगा। जब User System में किसी Service के लिए Request करता है

तब User की Request को files में Arrange कर लिया जाता है। एवं Request जिस Sequence में सिस्टम में Enter हुई है, उसी Sequence (क्रम) में उसका Execution होता है इसे ही FIFO अर्थात् First In First Out कहा जाता है अर्थात् FIFO का अर्थ है जो सिस्टम में पहले आया है वो Execute (क्रियान्वित) भी पहले ही होगा।

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