Fifth Generation Computer Systems In Hindi
प्रथम पीढ़ी (First Generation : 1942-1955)
प्रथम पीढ़ी में स्विचिंग डिवाइस के रूप में वैक्यूम ट्यूब एवं स्टोरेज हेतु मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया गया। वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार 1904 में सर जॉन एम्ब्रोस एवं ली डे फॉरेस्ट द्वारा किया गया। इसमें प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम बैच ऑपरेटिंग सिस्टम था। इस पीढ़ी में इनपुट हेतु पंचकार्ड प्रयुक्त किया गया। इस पीढ़ी के कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड धीमी तथा आकार बड़ा था। इसमें मशीनी एवं असेम्बली भाषा का किया गया था ।बाइनक कम्प्यूटर (BINAC Computer) Binac का पूर्ण रूप Binary Automatic Computer है। यह कम्प्यूटर 1949 में एकर्ट-मूचली कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया गया। नोट: स्टोर्ड प्रोग्राम की अवधारणा जॉन वॉन न्यूमैन (JohnVon Neumann) द्वारा दी गई।उदाहरण-ENIAC, EDVAC, EDSAC, UNIVAC, Mark-I, IBM 1650
नोट:-
(i) प्रथम पीढ़ी में इनपुट हेतु प्रयुक्त पंचकार्ड को होलेरिथ कार्ड कहा जाता है।
(ii) पंचकार्ड कम्प्यूटर में सूचनाएँ इनपुट करने का सबसे पुराना
माध्यम है जिसका आविष्कार हरमन हॉलेरिथ द्वारा किया गया। (iii) हर्मन होलेरिथ ने Electro Mechanical Card Punch Tabulating Machine का निर्माण किया। इस मशीन को अपग्रेड करके सेंसस टेबुलेटर (Census Tabulator) नाम दिया।
द्वितीय पीढ़ी (Second Generation : 1955-1964)
द्वितीय पीढ़ी में स्विचिंग डिवाइस के रूप में ट्रांजिस्टर एवं स्टोरेज हेतु चुम्बकीय टेप एवं चुम्बकीय डिस्क का उपयोग किया गया। इस पीढ़ी में मैग्नेटिक कोर का प्रयोग भी प्रारम्भ हो गया था। ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में जॉन वारडीन, विलियम शॉकली तथा वाल्टर ब्रेटन द्वारा किया गया। इस सफलतापूर्वक परीक्षण के कारण इन तीनों को 1956 में नोबल प्राइज दिया गया इसमें प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम बैच प्रोसेसिंग एवं मल्टी प्रोग्रामिंग था। इस पीढ़ी में उच्च स्तरीय भाषाओं जैसे- BASIC, COBOL का प्रयोग का प्रयोग किया गया।
उदाहरण – IBM-700, IBM 1401, IBM-1600, CDC-3600
(i) IBM 1401 नेपाल में लाया गया पहला कम्प्यूटर था। (ii) ट्रांजिस्टर सेमीकंडक्टर से बना सॉलिड स्टेट डिवाइस होता है। सेकण्ड जेनरेशन में बाइनरी लेंग्वेज के बाद असेम्बली लैंग्वेज का प्रयोग हुआ। असेम्बली भाषा में निमोनिक्स कोड का इस्तेमाल किया गया था।
तृतीय पीढ़ी (Third Generation : 1964-1975)
तृतीय पीढ़ी में स्विचिंग डिवाइस के रूप में IC (Integrated Circuit) एवं स्टोरेज हेतु मैग्नेटिक कोर का उपयोग किया गया। इसमें उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा Fortran का प्रयोग हुआ। * इसमें प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम रिमोट प्रोसेसिंग, टाईम शेयरिंग, मल्टी प्रोग्रामिंग था। यह उच्च प्रोसेसर गति वाला एवं आकार में छोटा था। उदाहरण-IBM 360, IBM 370, Honey Well 6000 Series, PDP (Personal Data Processor), UNIVAC 1108
नोट:-
(i) IC (इंटीग्रेटेड सर्किट) का आविष्कार जे. एस. किल्बी एवं रॉबर्ट नॉयस द्वारा किया गया।
(ii) IC सिलिकॉन से बनी माइक्रोचिप होती है।
इन्टिग्रेटेड सर्किट को विभिन्न कम्पोनेन्टस के जुड़ने एवं ट्रांजिस्टरों की संख्या के अनुसार वर्गीकृत किया गया है जो निम्नानुसार है—
ट्रांजिस्टरों की संख्या
SSI (Small Scale Integration) 0-10
MSI (Medium Scale Integration)10-500
LSI (Large Scale Integration)500-20000
VLSI (Very large Scale Integration) 20000-10 lakh
ULSI (Ultra Large Scale Integration) 10 lakh से अधिक
नोट:- पांचवी पीढ़ी SLSI का प्रयोग भी हुआ Super Large Scale Integration होता है। जिसका पूर्ण रूप
नोट:-तीसरी पीढ़ी में SSI एवं MSI का प्रयोग हुआ LSI एवं VLSI का प्रयोग चतुर्थ पीढ़ी में हुआ। SLSI एवं ULSI का प्रयोगपाँचवी पीढ़ी में हुआ।
नोट:-IC के वर्गीकरण का आधार ट्रांजिस्टरों की संख्या है।
IC चिप बनाने हेतु सेमीकण्डक्टर्स का प्रयोग होता है। जैसे – सिलिकॉन
IC अर्धचालक (Semi Conductor) से बनाया जाता है, इसलिए इसे मोनोलिथिक (Monolithic) कहा गया।
चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation : 1975-1989)
चतुर्थ पीढ़ी में स्विचिंग डिवाइस के रूप में VLSI (Very Large Scale Integration) एवं स्टोरेज हेतु सेमीकंडक्टर मेमोरी का उपयोग किया गया।
कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी को कम्प्यूटर की क्रान्तिकारी परिवर्तन पीढ़ी कहा जाता है।
इसमें प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम टाईम शेयरिंग OS एवं रियल टाईम OS था। इसमें माइक्रोप्रोसेसर तथा विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया। इस पीढ़ी के कम्प्यूटर आकार में छोटे एवं गति में तेज थे। उदाहरण- CRAY-I, DEC-10, PDP11
माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor)
चतुर्थ पीढ़ी का मुख्य पुर्जा माइक्रोप्रोसेसर था, यह एक माइक्रोचिप ही है, जिसका आविष्कार टैड हॉफ के द्वारा किया गया। * माइक्रोप्रोसेसर को माइक्रोचिप, प्रोसेसर, कम्प्यूटर का दिमाग/ कम्प्यूटर का ब्रैन/कम्प्यूटर का मस्तिष्क/सी.पी. यू. / Heart of Computer कहा जाता है।
माइक्रोप्रोसेसर को कम्प्यूटर के विकास की चतुर्थ पीढ़ी में स्विचिंग डिवाइस (Switching device) के रूप में काम में लिया गया।
माइक्रोप्रोसेसर को लॉजिक चिप (Logic chip) भी कहा जाता है। माइक्रोप्रोसेसर युक्त कम्प्यूटर को माइक्रोकम्प्यूटर कहा जाता है।
दुनिया का प्रथम माइक्रोप्रोसेसर Intel 4004 था जो कि 4 Bit प्रोसेसर था तथा इंटेल कम्पनी द्वारा बनाया गया।
पेन्टियम (Pentium) एक उच्च गति का माइक्रोप्रोसेसर होता है, इसे भी Intel द्वारा ही बनाया गया।
इटेल कम्पनी का मुख्यालय कैलीफोर्निया, अमेरिका में है
माइक्रोप्रोसेसर की आविष्कारक टीम में Marcian Hoff एवं उनकी टीम थी। भारत का प्रथम स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर शक्ति है जो IIT मद्रास द्वारा बनाया गया।
माइक्रोप्रोसेसर सिलिकॉन (Silicon), जर्मेनियम आदि अर्द्धचालक से बनता है। यह कम्प्यूटर की समस्त Calculation करता है। इस पर Photo-Chemical Process के द्वारा छोटे-छोटे सर्किट (माइक्रोचिप) बनाये जाते हैं।
Computer को दिया जाने वाला प्रत्येक निर्देश माइक्रोप्रोसेसर के पास पहुँचता है एवं यह डाटा प्रोसेसिंग करता है।
प्रोसेसर का architecture दो प्रकार होता है—
(i) CISC (Complex Instruction Set Computing)
(ii) RISC ( Reduced Instruction Set Computing)
पंचम पीढ़ी (Fifth Generation: 1989 से वर्तमान तक)
पंचम पीढ़ी में स्विचिंग डिवाइस के रूप में ULSI (Ultra Large Scale Integration) एवं स्टोरेज हेतु ऑप्टिकल डिस्क का उपयोग किया गया।
इस पीढ़ी में प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) है।
इस पीढ़ी में कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence – Al) का विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना राजमार्ग की अवधारणा का विकास तथा तीव्र गति, उच्च भंडारण क्षमता विद्यमान है । उदाहरण – Laptop, Desktop, Notebook, etc.
भारत का पहला आर्टिफिशियल इन्टिलिजेन्स आधारित कम्प्यूटर IIT जोधपुर में स्थापित किया गया।
नोटः–
पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर में प्रयुक्त सिस्टम को Knowledge Information Processing System भी कहा जाता है।