What is web browser and how it works? {वेब ब्राउजर क्या है और कैसे काम करता है }

What is web browser and how it works? { वेब ब्राउजर क्या है और कैसे काम करता है }

Web Browser का शाब्दिक अर्थ है:- Web का मतलब इंटरनेट और ब्राउजर का अर्थ होता है ढूँढ़ना तो इसका शाब्दिक अर्थ है, इंटरनेट की दुनिया में जाकर किसी भी विषय के बारे में ढूँढ़ना।

Web browser (वेब ब्राउजर) एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है जो इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न वेब पेजों को Users (यूजर्स) के लिए ढूँढ़ता है तथा ऐसी भाषा में अनुवाद करता है। जिसे यूजर आसानी से समझ सके।

इन वेब पेजों में Graphics (ग्राफिक्स), Multimedia (मल्टीमीडिया), Web Program (वेब प्रोग्राम) एवं Normal Text (साधारण टेक्स्ट) आदि जानकारी के रूप में होता है। किसी भी वेबसाइट पर विभिन्न प्रकार की सूचना उपलब्ध होती है। जो विभिन्न प्रकार की भाषाओं से बनी होती है जिसे यूजर नहीं समझ पाता है। इस सूचना को वेब ब्राउजर पढ़ता है एवं पढ़कर ऐसी भाषा में परिवर्तित करता है जिसे यूजर आसानी से समझ सके, इससे यह पता चलता है कि वेब ब्राउजर इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न वेबसाइटों का अनुवाद कार्य करते हैं। किसी भी वेब पर उपलब्ध वेब संसाधनों (Web Resources) को HTML (Hyper Test Markup Language) में लिखा जाता है, वेब ब्राउजर जब इस कोड को पढ़ता है तब जाकर वेब में मौजूद सामग्री को यूजर देख, सुन एवं पढ़ पाता है। वेब ब्राउजर एक प्रकार का ऐसा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो वर्ल्ड वाइड वेब पर उपलब्ध किसी भी वेबसाइट की सूचनाओं को यूजर के कम्प्यूटर पर प्रदर्शित करता है। वेब ब्राउजर एक application software है जो एक device में Installed होकर रहता है।

जब उस डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करते हैं तो Web browser अपना काम शुरू करता है। वेब ब्राउजर एवं इंटरनेट एक-दूसरे से connect रहते हैं, बिना इंटरनेट के वेब ब्राउजर का प्रयोग नहीं किया जा सकता एवं वेब ब्राउजर के बिना इंटरनेट यूजर हेतु विशेष उपयोगी नहीं रहता है। इंटरनेट की दुनिया में वेब ब्राउजर (Web browser) यूजर के लिए एक ऐसे दरवाजे का कार्य करता है जो हमें इंटरनेट की दुनिया में लेकर जाता है। Web browser के माध्यम से इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न Websites (वेबसाइट) एवं उनके Web pages (वेब पेजेज) को देखा जाता है। उन Web pages (वेब पेजेज) की फाइलों एवं अन्य कंटेन्ट जैसे Video, Image, text आदि का अनुवाद करता है तथा उन्हें device (Computer/Mobile) की स्क्रीन पर दिखाता है। वेब ब्राउजर यूजर को World Wide Web की दुनिया में लेकर जाता है, जहाँ सभी कंटेन्ट कंपूतर की भाषा HTML (Hyper text Markup Language) में होते हैं। वेब ब्राउजर कम्प्यूटर की भाषा HTML को ऐसी भाषा में translate करता है, जिसे इंटरनेट यूजर्स आसानी से पढ़ सकें।

नोट:- वेब ब्राउज़र केवल text को translate कर सकते हैं तथा कुछ वेब ब्राउजर ग्राफिक्स (Graphics) एवं एनिमेशन (Animation) को भी translate कर देते हैं। एक वेब ब्राउजर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं जो किसी यूजर at Web Page को Display एवं एक्सेस करने की अनुमति देता है। वेब ब्राउजर को सामान्यतया ब्राउजर भी कहा जाता है ये ऐसे सॉफ्टवेयर/प्रोग्राम होते हैं जो किसी वेब पेज को Display (डिस्प्ले) एवं Access (एक्सेस) करने की अनुमति प्रदान करते हैं। वेब ब्राउजर का उपयोग मुख्यतः इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट को डिस्प्ले एवं एक्सेस करने हेतु किया जाता है। वेब ब्राउजर का इस्तेमाल html एवं Xml लैंग्वेज की मदद से तैयार किए गए कन्टेन्ट को डिस्प्ले करने हेतु किया जाता है। वेब ब्राउजर एक सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जो यूजर द्वारा इंटरनेट पर Search (सर्च) किए गए सवालों के जवाबों को Web Pages को Show करने का कार्य करता है। इंटरनेट ब्राउजर विन्डो को फुल स्क्रीन पर करने के लिए F11 कुंजी (Key) का उपयोग किया जाता है। वेब ब्राउजर इंटरनेट तथा यूजर के मध्य इंटरफेस का कार्य करता है।

Download (डाउनलोड) – Download का अर्थ है Data को इंटरनेट से कम्प्यूटर में receive करना अर्थात् प्रयोक्ता इंटरनेट पर उपलब्ध Content या डाटा सामग्री को भविष्य में उपयोग हेतु अपने कम्प्यूटर में रक्षित कर लेता है। अर्थात् ऑनलाइन स्रोतों से डाटा या फाइल को स्थानीय कम्प्युटर पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया Downloading कहलाती है। गूगल क्रोम मे गुप्त रूप से ब्राउज़ करने के लिए न्यू ईंकोग्निटो विंडो का उपयोग किया जाता है।

Upload (अपलोड) – एक Computer में Stored डाटा को किसी अन्य कम्प्यूटर पर भेजना या इंटरनेट पर स्टोर करना Upload कहलाता है। अर्थात्  आपके कम्प्यूटर से किसी दूरस्थ सिस्टम जैसे किसी सर्वर पर डाटा भेजना जिसका उद्देश्य स्थानांतरित किए जा रहे डाटा की एक प्रति उस दूरस्थ सिस्टम पर संचित करना होता है।

Client Computer — नेटवर्क में सर्वर को सेवा प्रदान करने का अनुरोध करने वाला कम्प्युटर।

Dial Up — टेलीफोन द्वारा नंबर डायल कर संचार व्यवस्था स्थापित करने की विधि। इसे स्विच लाइन भी कहा जाता है।

Bookmark (बुकमार्क):- Bookmark (बुकमार्क) वेब ब्राउज़र में एक सुविधा है, जिसमें किसी भी वेबसाइट के एड्रैस को संग्रह किया जाता है तथा आवश्यकता होने पर बूकमार्क में स्टोर एड्रैस का प्रयोग कर समय में उस वेबसाइट तक पहुंचा जा सकता है।

History of Web Browser (वेब ब्राउजर का इतिहास) — प्रसिद्ध कम्प्यूटर विज्ञानी Tim Berners Lee (टीम बर्नर्स ली) 90 के दशक में कम्प्यूटर पर सूचनाओं को साझा करने की तकनीक (Information Sharing Technique) को विकसित कर रहे थे। सूचनाओं को Share करने हेतु टीम बर्नर्स ली ने HTML भाषा की एक कमाण्ड Hperlinkes का प्रयोग किया। सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु प्रयुक्त इस HTML (Hyper Text Markup Language) लैंग्वेज को कुछ विशेष प्रकार की कमाण्ड्स में लिखा जाता है। ये Special Command “HTML Tags” कहलाते हैं। “HTML Tags” को कम्प्यूटर पर कार्य करने वाला प्रत्येक यूजर नहीं समझ सकता, इस समस्या के समाधान हेतु एक ऐसे प्रोग्राम का निर्माण किया गया जो HTML Tags को समझता है तथा ये प्रोग्राम HTML Tags को पढ़कर यूजर्स के सामने सूचना को user friendly रूप में प्रदर्शित करता है। इस प्रकार इस प्रोग्राम के द्वारा सूचना को शेयर करना एवं सूचनाओं को पढ़ना बहुत आसान हो गया। ये प्रोग्राम ही Web browser (वेब ब्राउजर) कहलाया इसकी अवधारणा को विकसित करने का श्रेय टीम बर्नर्स ली (Tim Berners Lee) को ही जाता है।

नोट:-

  • दुनिया का पहला वेब ब्राउजर 1990-91 में बनाया गया। इ वेब पेज ब्राउजर का नाम WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) था, जिसे बाद में बदलकर नेज्सस (Nexus) कर दिया।
  • दुनिया का ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के साथ उपलब्ध प्रथम वेब ब्राउजर Erwise (एर्विस) था।
  • 1993 में मार्क एन्डरसन द्वारा बनाया गया। Mosaic (मोजाइक / मोजेक) वेब ब्राउजर दुनिया का पहला लोकप्रिय इंटरनेट ब्राउजर बन गया।

Working of Web Browser (वेब ब्राउजर की कार्यविधि) वर्ल्ड वाइड वेब Internet Servers की ऐसी प्रणाली है जो Client (क्लाइन्ट) / Server model (सर्वर मॉडल) के रूप में ऑपरेट की जाती है जब यूजर अपने कम्प्यूटर में Web Client को ओपन करता है तो इसे ही Web Browser (वेब ब्राउजर) कहा जाता है। क्लाइन्ट अर्थात् Web Browser सर्वर से सम्पर्क स्थापित करता है तथा जानकारियों एवं रिसॉसेज के लिए सर्वर को Request भेजता है। यूजर जिन जानकारियों एवं रिसोर्सेज के लिए सर्वर को request है। सर्वर उन जानकारियों एवं रिर्सोसेज को वेब ब्राउजर तक पहुंचाता है। वेब ब्राउजर जब सर्वर से contact करता है तो वो वेब सर्वर से जिन जानकारियों / सूचनाओं की माँग करता है वो जानकारियाँ एवं सूचनाएँ भेजता

HTML Document या वेबपेज के रूप में होती है।

ये HTML documents विशेष HTML Commands द्वारा लिखे जाते हैं, वेब ब्राउजर इन Special Command जिन्हें HTML Tag कहा जाता है को पढ़ते हैं तथा उनको यूजर द्वारा समझी जा सकने वाली भाषा में बदलकर यूजर को Result डिस्प्ले करते हैं। वेब ब्राउजर HTML Page के  लावा एप्लीकेशन, प्रोग्राम, एनिमेशन एवं वे प्रोग्राम जो जावा एवं स्क्रिप्ट लैंग्वेज में बने हुए हैं उन्हें Display कर सकता है।

नोट:- यूजर जो गूगल पर टाइप करता है उसका Result यूजर को इसी Method के कारण दिखाई देता है। इसे एक उदाहरण लेकर इस प्रकार समझा जा सकता है जैसे-यूजर को dakashbooks.com इंटरनेट पर सर्च करता है, तो इस dakshbooks.com को URL के नाम से जाना जायेगा। वेब ब्राउजर में ये URL (Uniform Resource Locater) टाइप करके इस URL पर पहुँचा जाता है, इस URL में कन्टेन्ट है HTML document या Webpage के रूप में दिखाई देता है। वेब ब्राउजर इस कन्टेन्ट को पढ़कर HTML Tags को यूजर द्वारा समझे जा सकने वाले प्रारूप में बदलकर यूजर को Result प्रदर्शित करता है। इसलिये ये कहा जा सकता है कि वेब ब्राउजर सबसे पहले वेब पते पर जाता है, फिर वेब पते पर मौजूद सामग्री या कन्टेन्ट को पढ़ता है फिर उसे अनुवादित कर यूजर तक पहुँचाता है। इंटरनेट पर जितने भी वेब सर्वर मौजूद हैं वो Web Server वेबसाइट एवं वेबपेजेज को रखते हैं तथा सभी सर्वर http Protocol को support करते हैं। इसी कारण से ब्राउजर इन सर्वरों से संबंधित जानकारी यूजर आसानी से प्रदान करता है।

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