कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Characteristics of Computer)

कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Characteristics of Computer)

कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन (Automatic Electronic Machine) है जो गणना, शिक्षा, अनुसंधान, चिकित्सा आदि हेतु प्रयुक्त होती है। कम्प्यूटर की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1. गति (Speed) — कम्प्यूटर किसी भी टास्क /कार्य को बहुत तेजी से करता है। कम्प्यूटर की गति को एक सेकण्ड में प्रोसेस किए गए निर्देशों की संख्या के आधार पर मापा जाता है। वर्तमान समय में कम्प्यूटर एक सैकण्ड में 10 लाख (Million) से भी अधिक निर्देशों को प्रोसेस कर सकता है, इसलिए कम्प्यूटर की गति MIPS (Million Instructions Per Second) में मापी जाती है।

नोट : कम्प्यूटर प्रोसेसर की गति को हर्ट्ज (Hz) में मापा जाता है। 2. शुद्धता (Accuracy) — यदि यूजर कम्प्यूटर को डाटा एवं निर्देश सही देता है तो कम्प्यूटर द्वारा की जाने वाली कैलकुलेशन त्रुटिरहित अर्थात् पूर्णतया शुद्ध/सही होती है।

★ कम्प्यूटर GIGO (Garbage in Garbage Out) के सिद्धान्त पर कार्य करता है। GIGO का पूर्ण रूप Garbage In Garbage Out होता है। यह कम्प्यूटर साइंस का ऐसा Concept है जो यह बताता है कि इनपुट की गुणवता, आउटपुट की गुणवता निर्धारित करती है अर्थात् GIGO यह बताता है कि the Quality of the input determines the Quality of the output. यह ऐसा सिस्टम है जो यह बताता है कि Data की जो प्राप्त Out के रूप में होने वाली Quality वैसी ही होगी जैसा डेटा In के रूप में गया है। नोट-

(1) यदि यूजर ने इनपुट एवं निर्देश सही दिए हैं तो कम्प्यूटर द्वारा की गई कैलकुलेशन की शुद्धता/सटीकता लगभग 100% होती है। भण्डारण क्षमता (Storage Capacity) कम्प्यूटर की भण्डारण क्षमता उच्च होती है। इसमें लंबे समय तक बड़ी मात्रा में डाटा को स्टोर किया जा सकता है 3.

4. सार्वभौमिकता (Versatility) कम्प्यूटर का प्रयोग आजकल सभी क्षेत्रों जैसे— शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, मनोरंजन, अनुसंधान आदि में किया जाता है। कम्प्यूटर का अनेक क्षेत्रों में उपयोग का गुण वर्सेटिलिटी कहलाता है।

5. विश्वसनीयता (Reliability) कम्प्यूटर अपने कार्यों को लगातार एवं बिना किसी विफलता के करता है, इस पर लंबे समय तक विश्वास किया जा सकता है इसलिए इसे Reliable Machine भी कहा जाता है।

6. स्वचालित (Automatic ) — यूजर जब निर्देशों को एक बार कम्प्यूटर में फीड कर देता है, उसके बाद आउटपुट प्रदर्शित करने की प्रक्रिया स्वतः (Automatic) होती है। इससे मानव श्रम एवं समय की बचत होती है।

7. कर्मठता (Diligence ) — कम्प्यूटर कार्य करते-करते कभी थकता नहीं है। ये निरन्तर रूप से समान एकाग्रता एवं गति से कार्य करता है। 

8. जल्द निर्णय (Quick Decision) की क्षमता — कम्प्यूटर में इनपुट या डाटा Input करने के बाद कम्प्यूटर दिए गए निर्देशों के आधार पर तीव्रता से निर्णय प्रदान करता है।

9. कार्य की एकरूपता (Uniformity of Work )—– कम्प्यूटर द्वारा लगातार एवं बार-बार एक ही प्रकार के कार्य करने पर भी कम्प्यूटर की कार्यक्षमता एवं एकरूपता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। 

10. गोपनीयता (Secrecy ) — कम्प्यूटर में रक्षित सूचना को आप किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहते तो पासवर्ड के माध्यम से इसे सदैव गोपनीय रखा जा सकता है।

11. कागजरहित कार्य (Paperless Work ) कम्प्यूटर का प्रयोग करने से काफी कार्य एवं प्रक्रिया डिजिटल रूप में अर्थात् कागज का प्रयोग किए बिना ही सम्पादित हो जाता है।

कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer)

1. बुद्धिमता का अभाव (Lack of Mind)- कम्प्यूटर में सोचने- समझने की क्षमता (अंडरस्टैंडिंग) नहीं होती अर्थात् सामान्य कम्प्यूटर की क्षमता सीमित होती है। यह कृत्रिम बुद्धि पर कार्य करता है। नोट:- कम्प्यूटर की बुद्धिमत्ता का स्तर (IQ level) 0 (Zero) होता है।

2. वायरस का खतरा (Immune to Virus) कम्प्यूटर में सिस्टम में वायरस (Virus) का खतरा बना रहता है। वायरस कम्प्यूटर में रक्षित डाटा एवं सूचनाओं को Effect कर देता है अथवा नष्ट कर देता है। वायरस कम्प्यूटर सिस्टम की प्रोसेसिंग गति (Processing Speed) को भी प्रभावित करता है। वायरस के संक्रमण से बचने हेतु कम्प्यूटर में Antivirus (एन्टीवायरस) का प्रयोग किया जाता है। 

3. विद्युत पर निर्भरता (Dependency on Electricity ) – कम्प्यूटर सभी प्रकार के कार्यों हेतु विद्युत पर निर्भर रहता है। बिजली की आपूर्ति (Power Supply) के बिना कम्प्यूटर कोई कार्य नहीं कर सकता है। 4. खर्चीला (Expensive ) — कम्प्यूटर के विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर को आवश्यकतानुसार बदलना पड़ता है। इससे कम्प्यूटर सिस्टम की लागत बढ़ती है।

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